आईएएस के इंटरव्यू की तैयारी के विभिन्न स्त्रोत
व्यक्तित्व परीक्षा की अच्छी तैयारी हेतु आपको कई विभिन्न स्त्रोतों की आवश्कता होगी। हर स्त्रोत का अपना अलग महत्व तथा अनूठापन होता है। अतः बेहतर यही है कि आपकी तैयारी में कई विविध स्त्रोत शामिल हों। आईये तैयारी के विभिन्न स्त्रोतों के बारे में पता लगाएं
- विस्तृत आवेदन पत्र [Detailed application form (DAF)]
विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) को ध्यान से पढ़ें। चूंकि इस विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) में मरी जाने वाली जानकारी पूर्णतयः आपकी अपनी तथा स्वयं आप भरते है अतः इसमें की गई गलती बहुत गलत प्रभाव डालती है। इस संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी हेतु कृपया पृष्ठ संख्या पर अध्याय विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) को संदर्भित करें।
- समाचार पत्र (Newspaper)
कम से कम 02 राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र अवश्य पड़ें। नवीन घटनाक्रम से जुड़े विशेष मुद्दों तथा उन पर किए गए विश्लेषणों को प्रतिदिन व्यक्तित्व परीक्षा हेतु रखी अपनी डायरी में अवश्य लिखें। (अधिक जानकारी के लिए पृष्ठ संख्या पर अध्याय” व्यक्तित्व परीक्षा में आपका मित्र” को संदर्भित करें)। यदि आपकी पृष्ठभूमि अर्थव्यवस्था अथवा वाणिज्य विषयों की है तो आप प्रतिदिन कम से कम एक बिजनेस समाचारपत्र भी अवश्य पढे। साथ ही, उन में फरवरी माह के अंत में प्रस्तुत किए जाने वाले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) तथा केन्द्रीय / राष्ट्रीय बजट (Union budget) को भी ध्यान में रखना होगा।
यहां इस बात का उल्लेख करना अति आवश्यक है कि व्यक्तित्व परीक्षा हेतु समाचार पत्र को पढ़ने का आपका तरीका पिछली दो परीक्षाओं प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य / प्रधान परीक्षा के तरीकों से अलग होगा क्योंकि अब आपको समाचार पत्र का अध्ययन करते समय तथ्यों पर कम तथा विश्लेषण पर अधिक ध्यान देना चाहिए। किसी एक विषय पर प्रस्तुत किए गए अलग अलग मत भी आपको समझने होंगे तथा इन विविध मतों में अंतर का भी आपको ज्ञान होना चाहिए। आपको उस विषय पर अपनी राय बनानी तथा इस मत के क्या कारण हैं, यह भी आपको मालूम होना चाहिए।
- पत्रिकाएं (Magazines)
पत्रिकाएं भी समाचार पत्रों जितनी ही महत्वपूर्ण होती है। मैं आपका ध्यान एक आवश्यक पहलू की और दिलाना चाहता हूं कि व्यक्तित्व परीक्षा की तैयारी करते समय आपको अन्य प्रतियोगी इंटर हेतु उपलब्ध नवीन घटनाक्रमों पर सामान्य ज्ञान आधारित पुस्तकों पर अधिक ध्यान नहीं देना चाह यह आपकी प्रारंभिक तथा मुख्य / प्रधान परीक्षा में तो आपकी सहायता कर सकती है किन्तु याक्तित्व परीक्षा के दौरान नहीं क्योंकि इनमें तथ्य अधिक तथा विश्लेषण की मात्रा बहुत कम होती है। साथ ही. इसमें प्रस्तुत लेख विश्लेषकों द्वारा नहीं लिखे जाते। आपको राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाएं जैसे आउटलुक, द इंडिया टुडे, द वीक, फ्रंटलाइन, गर्वनेन्स नॉज इत्यादि पढ़ने की सलाह दूंगा।
समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं को लेकर ध्यान देने योग्य बात। यह एक खुला रहस्य है कि लगभग सभी मीडिया हाउस किसी न किसी रूप में कुछ झुकाव / उन्मुखता रखते है। जब मैं इस झुकाव की बात करता हूं तो मेरा अर्थ किसी नकारात्मक झुकाव से नहीं है और ना ही मेरा कहने का उददेश्य यह है कि वे इच्छापूर्वक ऐसा करते है। अथवा वे अपने गुप्त उदेश्यों की पूर्ति हेतु ऐसा झुकाव रखते है। मैं तो आपका ध्यान सिर्फ इस तथ्य की ओर केन्द्रित करना चाहता हूँ कि लगभग हर प्रकार की पत्रकारिता में किसी न किसी प्रकार के झुकाय का होना एक बास्तविकता है। प्रत्येक मनुष्य के मन में किसी भी समाचार को प्रस्तुत करते समय इस उन्मुखता का अंश होना अनिवार्यता है, परन्तु इस उन्मुखता की मात्रा अलग अलग हो सकती है। सोच में इस उन्मुखता की उपस्थिति उन मूल्यों को मानना है जिनके प्रति वे विश्वास रखते है अतः इसे किसी भी प्रकार से गलत नहीं कहा जा सकता। अतः आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कौन सा मीडिया हाउस अथवा पत्रकार किस विचारधारा में विश्वास करता है तथा उसके विश्लेषण को उसी परिपेक्ष में रखकर समझा जाना चाहिए।
उदाहरणस्वरूप, यदि आप एक ऐसा समाचार पत्र पढ़ते है, जिसके संपादक मंडल समाजवादी विचारधारा में विश्वास रखते है तो आपको उनके द्वारा उदारीकरण, खुदरा में निवेश इत्यादि विषयों पर लिखे गए लेख में उन्मुखता के इस प्रभाव को दिमाग में रखना चाहिए। इससे आपको सही एवं निष्पक्ष सोच कायम करने में सहायता प्राप्त होगी। विश्वास करें, बोर्ड निष्पक्षता की इस विशेषता को उम्मीद्वारों में प्रमुखता से तलाश करता है।
समाचार पत्र तथा पत्रिकाओं को पढ़ने हेतु एक महत्वपूर्ण टिप जब आप समाचार पत्र तथा पत्रिकाओं को पढ़े तो ऐसी सूचनाओं को मस्तिष्क में सदैव रखें जो किसी रूप में आपके विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) से मेल खाती हों। ऐसा करने से आपको अपना जीवनवृत्तांत (Biodata) तैयार करने में काफी सहायता प्राप्त होगी। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब हमें अपने जीवनवृत्तात से जुड़ी किसी विशेष जानकारी की आवश्यकता होती है तो हम इसे जुटा नहीं पाते है। इसलिए ऐसे में यहां वहा से जो सूचना मिलें, एकत्र कर लेना चाहिए।
4.टेलीविजन (Television)
व्यक्तित्व परीक्षा में टेलीविजन का बहुत महत्व है। सकता है कि इसका महत्व प्रारनिक तथा प्रधान परीक्षा के दौरान न हो परन्तु व्यक्तित्व परीक्षा के दौरान टेलीविजन न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि है क कहना चाहूंगा कि यह कई बार समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं से भी महत्वपूर्ण है।
हम टेलीविजन में किस कार्यक्रम को देखें ?
बिना किसी संदेह के, टेलीविजन में समाचारों के चैनल सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। हम किस प्रकार के समाचार देखें? अब यहां दो प्रकार का चयन करना है चुना गया समाचार चैनल तथा इनमें दिखाए जाने वाले समाचारों का चयन का प्रकार। आईये पहले समाचार चैनलों के प्रकार पर नजर डालते है। आजकल कई समाचार दिखाने वाले टीवी चैनल उपलब्ध है। एक शिक्षित व्यक्ति को यह जानकारी होती है कि कौन सा चैनल अपने काम के प्रति कितनी व्यवसायिकता तथा गभीरता रखता है क्योंकि कई चैनल तो समाचार के नाम पर सनसनी, अधविश्वास तथा अप्रासंगिक जानकारी प्रदान करते हुए मनोरंजन चैनलों की तरह कार्य करते है। इन से दूर रहें।
आईये अब दूसरे प्रश्न पर प्रकाश डालें कि कैसे समाचारों को देखें। इन में से सबसे अधिक लाभप्रद है प्राइमटाइम के दौरान समाचार चर्चा । सामान्यता दिन भर चलने वाले समाचार बुलेटिनों को उनके खबर विशेष पर ध्यान केन्द्रित रखने के कारण देखना अधिक लाभकारी नहीं। साथ ही, प्राइमटाइम में समाचारों पर चर्चा की जाती है जोकि आपके लिए उपयोगी है।
एक ऐसी चर्चा, जिसमें भाग लेने वाले अलग अलग विचारधारा में विश्वास रखते हो आपके लिए लाभदायक होगी क्योंकि ऐसा करने से आप उस विषय के सभी संभावित एवं। विविध पहलूओं से अवगत हो जाएगें। दूसरा, ऐसी भी सभावना है कि बोर्ड सदस्य भी उसी चैनल को देख रहें हो तथा ऐसा होने पर उनके द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न इसी चर्चा पर आधारित हों। यह स्थिति आपकी तैयारी को और अधिक प्रभाव तथा कुशलता प्रदान करेगी।
ध्यान देने योग्य बात अक्सर ऐसा होता है कि हम अपनी पसद की बात को ही देखते और सुनते है। इस संदर्भ में, मैं आपका ध्यान इस विषय पर आकर्षित करना चाहता हू कि टेलीविजन में हो। रही चर्चा के दौरान भी अक्समात् ही उन्हीं विचारों अथवा व्यक्तियों पर ध्यान केन्द्रित करने लगते है, जिनकी विचारधारा हमारे मन के अनुरूप होती है और ऐसा करते समय हम दूसरों के विचारों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते। अपने पसंदीदा विचारों तथा व्यक्तियों के प्रति इस आकर्षण से हमें दूरी रखनी चाहिए।
सभी आंकाक्षी अधिकारियों के लिए, चाहे वे किसी भी वैकल्पिक विषय अथवा शैक्षणिक पृष्ठभूमि से हो. समाचार देखना अति अनिवार्य है। साथ ही, अपने विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) में दी गई जानकारी के मुताबिक कुछ अन्य चैनल जैसे नैशनल ज्योग्राफिक, डिस्कवरी, एनीमल प्लैनेट के साथ साथ संगीत तथा खेलकूद से जुड़े चैनल भी देखने चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपने वन्यजीवन के प्रति अपनी रूचि दर्शाई है तो आप डिस्कवरी जैसे चैनल से काफी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
5.इंटरनेट (Internet)
इंटरनेट का दायरा असीम तथा अनंत है। एक ऐसे आंकाक्षी अधिकारी, जो तकनीक प्रेमी हो तथा इंटरनेट के उपयोग में दक्ष तथा अभ्यस्त हो, उनके लिए तो इंटरनेट वास्तव में, प्रत्येक दूसरे साधन जैसे समाचारपत्र, पत्रिकाओं तथा टेलीविजन का स्थान ले सकता है क्योंकि लगभग प्रत्येक माध्यम की अपनी एक वेबसाइट होती है। अतः आप अपनी वांछित जानकारी, जो आप इन अलग अलग साधनों से आली है. को अकेले इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।
अन्य ऐसे आंकाक्षी अधिकारी, जो तकनीक के उपयोग में ज्यादा कुशल नहीं है उन्हें परम्परागत साधनों जैसे समाचारपत्र, पत्रिकाओं तथा टेलीविजन का स्थान पूरी तरह इंटरनेट को नहीं दे देना चाहिए। लेकिन फिर भी वे चाहे तो इंटरनेट का उपयोग अपनी वांछित जानकारी प्राप्त करने हेतु कर सकते हैं। यह आपके विस्तृत आवेदन पत्र (DAF) में भरे जाने वाले व्यक्तिगत जीवन वृत्तांत को तैयार करने हेतु अति उपयोगी है।
इसके अतिरिक्त, कई ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स है जहां देश के दूसरे राज्यों से कई दूसरे आकांक्षी अधिकारी अपने अपने अनुभव साझा करते है। आप भी ऐसे समूह का हिस्सा बनने का प्रयास कर सकते है।
इसके अतिरिक्त, इंटरनेट का उपयोग कई अन्य सामान्य प्रकार के अध्ययन हेतु जैसे कई तरह के प्रेरक प्रसंग (Motivational articles), प्रेरणापुंज व्यक्ति (Inspirational people) के बारे में पढ़ने तथा अन्य दिलचस्प लेख पढ़ने के लिए भी किया जा सकता है। यह आपकी तैयारी में प्रत्यक्ष तौर पर न सही अप्रत्यक्ष रूप से काफी प्रभाव डालती है। न केवल यह आपको तनावमुक्त बनाती है बल्कि प्रेरणा देने वाले व्यक्तियों तथा प्रेरक प्रसंग पढ़ने से आप को सकारात्मक बल प्राप्त होता है, जो इस तैयारी में बहुत अहम भूमिका अदा करता है।
6 .सामान्य रूचि की पुस्तकें (General Nature Books)
आपको, अपने पाठ्यक्रम से भिन्न कुछ अन्य पुस्तकों जैसे किसी जीवनी, आत्मकथा अथवा किसी बड़ी हस्ती के द्वारा किसी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अथवा राष्ट्रीय हित पर लिखी पुस्तक को भी पढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हो सकता है अथवा किसी को यह संदेह हो सकता है कि पाठ्यक्रम से बाहर की पुस्तक को पढ़ने का अर्थ समय को व्यर्थ गंवाना है। दोस्तों, मैं कहता हूं कि ऐसा नहीं है। बिना किसी संदेह के ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्तित्व परीक्षा की तैयारी से इसका कोई सीधा संबंध नहीं है परन्तु यह अप्रत्यक्ष तौर पर इससे संबंधित है क्योंकि ऐसी पुस्तकों का अध्ययन हमारे ज्ञान में वृध्दि करता है, हमारे मस्तिष्क को तेज करता है तथा विषयों को उनके सही परिपेक्ष में समझाने में हमारी सहायता करता है।
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