आ रहा है रेमल चक्रवात
दक्षिण एशिया में मानसून आने से पहले तथा मानसून के जाने के समय अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों का सिलसिला शुरू होता है। ऐसा ही चक्रवात अभी बंगाल की खाड़ी में रेमल नाम का चक्रवात आ रहा है। इसकी गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 150 किलोमीटर तक प्रति घंटा है। 28, 29, 30 मई को पूर्वी एक दक्षिणी पूर्वी राज्यों को प्रभावित करेगा। रेमल का अर्थ है रेत
रमल का प्रभाव संपूर्ण उत्तर भारत में होगा। इससे उत्तर भारत में गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है अर्थात उत्तर भारत में कुछ तापमान कम होने की संभावना है।
चक्रवात का विकास
किसी भी प्रदेश में चक्रवातों का विकास तब होता है जब तापमान अत्यधिक तेजी से परिवर्तन होता है अर्थात तापमान में वृद्धि होती है ,जहां पर तापमान अधिक होता है और निम्न वायुदाब होता है आप और हम सभी जानते हैं कि वायु हमेशा उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर गति करती है। जब मानसून आने से पहले दक्षिण एशिया में तापमान वृद्धि होती है इस समय चक्रवात आते हैं चक्रवातों की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध एंटी क्लाकवाइज होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में चक्रवातों की दिशा क्लाक वाइज होती है।
चक्रवात भूमध्य रेखा पर कभी नहीं आते क्योंकि चक्रवात की दिशा कोरिओलिस बल द्वारा प्रभावित होती है। भूमध्य रेखा पर कोरिओलिस बल का प्रभाव शून्य होता है।
चक्रवातों का प्रभाव
यूं तो कह चक्रवातों के नकारात्मक प्रभाव भी है और सकारात्मक प्रभाव भी हैं सबसे पहले हम सकारात्मक प्रभाव के बारे में बात करेंगे।
जब चक्रवात आते हैं तो किसी भी प्रदेश में हवा चलती है अर्थात वहां पर गर्मी कम होती है।चक्रवात में बारिश भी होती है जो फसलों के लिए लाभदायक होती है जब चक्रवात आते हैं तो स्थानीय क्षेत्र में गर्मी से राहत से सुहावना मौसम हो जाता है।
चक्रवातों के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी यदि चक्रवात अत्यधिक तेजी से है अर्थात उसकी गति बहुत अधिक है और वर्षा बहुत अधिक है तो यह तूफान और बहुत अधिक वर्षा या बाढ़ का रूप भी ले सकते हैं। इससे यातायात का व्यवधान , जान माल की हानि, अवसंचना का विनाश, अत्यधिक वर्षा,भूस्खलन एवं बाढ़ आ सकती है।
ivermectin 3 mg pills for humans – order atacand pill buy carbamazepine
accutane uk – dexamethasone 0,5 mg generic order generic linezolid
purchase amoxicillin generic – buy valsartan cheap combivent 100 mcg usa