उत्तर प्रदेश ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ योजना
एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP: One District, One Product) की अवधारणा मूल रूप से जापान सरकार द्वारा वर्ष 1979 में प्रारंभ की गई थी।इसके उपरांत इस योजना को थाईलैंड सरकार द्वारा भी प्रचारित-प्रसारित किया गया। इसके अतिरिक्त इस तरह की योजना का मॉडल इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और चीन द्वारा भी अपनाया गया।
24 जनवरी, 2018 को ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला, एक उत्पाद’ योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के माध्यम से जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास संभव हो पाएगा।
एक जिला, एक उत्पाद योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास में न कंवल केवल महत्वपूर्ण महत्त्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, अपितु प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होने की संभावना है।एक जिला, एक उत्पाद योजनांतर्गत प्रदेश के प्रत्येक जनपद से एक उत्पाद विशेष का चिह्नांकन संबंधित उत्पाद की विशिष्टता, विपणन सामर्थ्य, विकास संभाव्यता तथा रोजगार सृजनशीलता के आधार पर किया गया है।
जनपद चिन्हित उत्पाद
अमरोहा – ढोलक
बस्ती – कष्ट शिल्प
अलीगढ़– ताले हार्डवेयर
बहराइच – गेहूं डंठल हस्तशिल्प
अंबेडकर नगर – वस्त्र उत्पाद
बागपत – घरेलु सजावटी सामान
आगरा – चमड़े के उत्पाद
बिजनौर– काष्ठ शिल्प
आजमगढ़ – काली मिटटी
बुलंदशहर – चीनी मिटटी के वर्त्तन
इटावा – वस्त्र उद्दोग
मऊ – वस्त्र उद्दोग
प्रयागराज – मूंज उत्पाद
मथुरा -स्वक्षता संबंधी उपकरण
एटा– घुंगरू , घंटी पीतल उत्पाद
महराजगंज – फर्नीचर
औरैया – दुग्ध प्रसंस्करण
कन्नौज -इत्र
मिर्जापुर –कालीन
कानपुर देहात – एलुमिनियम के वर्तन
मुजफ्फरनगर – गुड़
मुरादाबाद -धातु शिल्प
मेरठ – खेल का सामान
कुशीनगर -केले के रेशे से वने उत्पाद
कानपुर नगर – चमड़े के उत्पाद