उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण संगीत घराने
लखनऊ घराना.
मोदू खाँ तथा बख्शूर खाँ ने तबले के लखनऊ घराने का सूत्रपात किया।
मोदू खाँ, बख्शूर खाँ, मुन्ने खाँ खलीफा, वाजिद हुसैन खाँ, हीरेन्द्र गांगुली ‘तबला वादक‘ है।
रजा खाँ, गुलाम मुहम्मद, रहीमसेन, इलियास खाँ – सितार वादक ।
कोदऊ सिंह, पं. संखाराम, पं. अयोध्या प्रसाद- पखावज वादक ।
सादिक अली खाँ – सारंगी वादक
सूरज खाँ, चाँद खाँ, छज्जू खॉ, दुल्ले खाँ, गुलाम हुसैन, रहीमन बाई, चंद्राबाई गायिकाएँ ख्याल
विन्दादीन, शम्भूमहाराज, लच्छू महाराज, कालका महाराज, अच्छन महाराज, बिरजू महाराज, शैलजा सिंह, तनुश्री कथक नर्तक हैं।
बनारस घराना
पं. शिवनंदन मिश्र, बडे रामदास, छोटे रामदास, हरिशंकर मिश्र, महादेव मिश्र, सितारा देवी, अलखनन्दा- कथक नर्तक हैं।
उदय शंकर, गोपीकृष्ण-छोटी मैना, बड़ी मैना, रसूलनबाई, सरस्वती देवी, विद्याधरी देवी, मोती केसर- ठुमरी-टप्पा गायिकाएँ
सिद्धेश्वरी देवी, गिरिजा देवी, वागेश्वरी देवी, कृष्ण देवी- ठुमरी गायिकाएँ
. पं. राम सेवक मिश्र, पं. छन्नू लाल मिश्र, शिवा अमरनाथ गायक पशुपति मिश्र, धर्मराज मिश्र, पशुपति नाथ मिश्र ख्याल
. बिस्मिल्ला खाँ व मुमताज
शहनाई वादक
अलाउद्दीन खाँ व उनके शिष्य पं. रविशंकर, मुश्ताक अली खाँ, वीरेन्द्र कुमार मिश्र
सितार वादक
नोट- इटावा घराना भी प्रसिद्ध है। सितार वादन के लिये।
पं. राम बख्श, वंशी महाराज, शम्भू नाथ मिश्र सारंगी वादक
राम सहाय, जानकी सहाय, कठे महाराज, किशन महाराज वाचा मिश्र, गुदई महाराज तबला वादक
चालकृष्ण बुबा, भीमसेन जोशी, हीराबाई बडोदकर, प्रथा अन्ने गायक
किराना घराना
बालकृष्ण बुबा, भीमसेन जोशी, हीराबाई बडोदकर, प्रथा अन्ने गायक
आगरा घराना
दीपाली नाग, मदुरै रामास्वामी, जगन्नाथ बुबा, फैय्याज खाँ, विलायत हुसैन खॉ, रजा हुसैन – गायक
नोट- आगरा घराने की उत्पत्ति अकबर के दरबारी गायक सुजान से मानी जाती है।
सहारनपुर घराने के प्रवर्तक खलीफा मुहम्मद जुमा सूफी संत थे जो कि गायन के अतिरिक्त बीन और सितार वादक में सिद्धहस्त थे।