एनसीईआरटी पढ़कर सिविल सेवा अभ्यार्थी कर रहे हैं समय बर्बादी
यह बात आपको चौंकाने वाली लगेगी की एनसीईआरटी पढ़ना समय की बर्बादी है हां मैं यह बात साबित कर सकता हूं क्योंकि एनसीईआरटी आप कक्षा 6 से लेकर 12 तक की पढ़ते हैं , जो बातें कक्षा 6 में है वही सात में है वहीं आठ में है कोई आगे की कक्षाओं में भी हैं तो समय की बर्बादी इसलिए होती है क्योंकि एक विषय को या एक टॉपिक को हम एक से अधिक बार पढ़ते हैं।
एनसीईआरटी क्यों पढ़ने की सलाह दी जाती है ?
किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए विशेष कर सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थियों को एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ने की सलाह दी जाती है इसका कारण यह नहीं है की एनसीईआरटी पुस्तक के ही केवल ज्ञान का माध्यम है। यह एक सामान्य या एक बेसिक जानकारी आपको प्रदान करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि जितने भी अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए आते हैं वह सभी जानकारी नहीं रखते हैं यदि जिन अभ्यर्थियों को जिन छात्रों को विषय की सामान्य जानकारी है उन्हें एनसीईआरटी पढ़ने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें बहुत अधिक समय की बर्बादी होती है।
आप सभी सेवा परीक्षा की तैयारी करते समय किसी भी विषय को पढ़ते हैं तो एक बेसिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक उसकी पढ़ाई करते हैं। वह चाहे अध्ययन सामग्री किसी भी माध्यम से एकत्रित की गई हो कि आवश्यक नहीं कि वह एनसीईआरटी ही हो।
एनसीईआरटी को पढ़ने की सलाह इसलिए भी दी जाती है क्योंकि यह सरकारी पुस्तकें हैं और भारत के हर कोने में या हर किसी स्कूल में विद्यालय में यह आसानी से प्राप्त हो जाती हैं , और इसीलिए यूपीएससी भी सामान्य इन्हीं पुस्तकों से अपने सवालों को लेता है इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ यही एक माध्यम है। हां यह जरूर है कि यह सभी जगह उपलब्ध हैं और सरकारी पुस्तक हैं इसलिए इन्हें पढ़ने की सलाह दी जाती है।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए क्या पढ़े ?
मैं यह नहीं कहता की एनसीईआरटी की पुस्तक आप सिविल सेवा परीक्षा के लिए ना पढ़ें लेकिन इन पर बहुत अधिक समय ना दें यह हमारा कहना है क्योंकि हमने देखा है कई कोचिंग संस्थानों में छह महीने का क्लास 8 महीने का क्लास सिर्फ एनसीईआरटी का चलाया जाता है । मैं यह कहना चाहता हूं यह समय की बर्बादी है क्योंकि अगर कोई भी कोचिंग या कोई भी अध्यापक किसी विषय को पढ़ा रहा है तो वह सामान्य या बिल्कुल निचले स्तर से ही पढ़ना प्रारंभ करेंगे और उच्च स्तर तक ले जाएगा ।
जैसे मान लीजिए अगर हम मानसून की पढ़ाई करते हैं या कोई कोचिंग या कोई शिक्षक पढ़ाते हैं तो वह मानसून की जानकारी बेसिक से प्रदान करेंगे यानी सामान्य स्तर से प्रदान करेंगे तो उसके लिए हमें दोबारा लौटकर एनसीईआरटी की तरफ जाने की जरूरत नहीं है। एक कोचिंग का एक शिक्षक का यह कर्तव्य है कि वह संपूर्ण जानकारी अपने क्लास में संक्षिप्त रूप में आसान भाषा में विद्यार्थी को प्रदान करें ताकि अभ्यर्थियों का बहुत अधिक समय ख़राब ना हो।