टोड़ो जनजाति
टोड़ो जनजाति के लोग दक्षिण भारत में विशेषकर यह तमिलनाडु में नीलगिरी पहाड़ियों में निवास करते हैं। यह लोग द्रविड़ भाषा बोलते हैं। इस जनजाति में दो प्रथाएं बहुत महत्वपूर्ण है प्रथम एक स्त्री एक से अधिक पुरुषों के साथ विवाह करती है जो महाभारत की एक प्राचीन प्रथा है , जिसे वहुपति प्रथा कहा जाता है। अभी तक इस जनजाति द्वारा निभाई जा रही है दूसरी प्रथा विवाह के लिए स्त्री एवं पुरुष एक साथ रहना पड़ता है यदि पुरुष महिला को गर्भवती कर देता है तभी वह विवाह कर सकता है महिला के गर्भवती होने के बाद एक समारोह किया जाता है जिसमें विवाह संपन्न होता है।
टोड़ो जनजाति के लोग पशु चारक होते हैं और वे समूह में निवास करते हैं टोड़ो जनजाति के लोगों में हर पुरुष के दाहिने कंधे पर पुराने घाव का निशान होता है, जो जलती हुई लकड़ी से बनाया जाता है इसी प्रकार स्त्रियों में भी एक घाव गाव होता है जो कलाई पर बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है यह प्रथा बुरी आत्माओ से बचने के लिए है।