बाबर
बाबर उज़बेकी वंशज के राजपुत्र थे और उनके पिता उन्हें फ़र्ग़ाना (Fergana) क्षेत्र के अधिपति बनाने के लिए लड़वा नहीं थे। हालांकि, उन्होंने अपनी धार्मिक और साम्राज्य समझ को बढ़ावा देने के लिए कई युद्ध लड़े और अपने साम्राज्य के क्षेत्र को विस्तारित किया।
उन्होंने इन्दिया में अपनी प्रवेश की योजना बनाई और 1526 ई. में पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को पराजित करके मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत की। बाबर ने मुग़ल साम्राज्य को भारतीय महाद्वीप पर स्थापित किया और उन्होंने अपनी आराध्यता और भूमिका को अपनी आत्मकथा “बाबरनामा” में वर्णित किया। बाबर की मृत्यु 1530 ई. में हुई। उनके बाद, उनके पोता अकबर ने मुग़ल साम्राज्य को और विस्तार और महिमा दी।
बाबर ने मुग़ल साम्राज्य की स्थापना की उस समय जब उन्होंने भारत में अपनी प्रवेश योजना बनाई थी और सत्ता के लिए युद्ध करने का निर्णय लिया था। उनकी प्रवेश योजना का पहला चरण 1524 ई. में शुरू हुआ जब उन्होंने कबूली सुल्तान इब्राहिम लोदी से उसके विरुद्ध अपनी दावेदारी की। हालांकि, यह योजना विफल रही और उन्हें प्रवेश के लिए थोड़ा समय और संगठन की आवश्यकता थी।
पानीपत के युद्ध
1526 ई. में पानीपत के युद्ध में, बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित कर दिया और उनका साम्राज्य पर विजय प्राप्त की। यह युद्ध मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत का महत्वपूर्ण कदम था। इसके बाद, बाबर ने उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों को अपने अधीन किया और साम्राज्य का विस्तार किया।
बाबर के युद्धों और विजयों के बाद, उन्होंने अपने साम्राज्य को स्थायी रूप दिया और शासन के नियम और प्रणाली को स्थापित किया। उन्होंने बाग़-बहार और फर्ग़ाना में साम्राज्य की व्यवस्था स्थापित की और मुग़ल साम्राज्य को अधिकारिक रूप से आदान-प्रदान किया। उन्होंने भारतीय साम्राज्यों के साथ युद्ध किए, नगरी संरचना और संस्कृति को अपनाया, और साम्राज्य को निरंतर विस्तारित किया। उनके समय में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी गई जिसे उनके पोता अकबर ने और आगे विकसित किया।
पानीपत का प्रथम युद्ध, 21 अप्रैल 1526 को बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। यह युद्ध मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के द्वारा भारत में लड़ा गया था।
इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत के आधिपति थे और वे बाबर के सत्ता प्रवेश के विरोध में थे। उन्होंने पानीपत के क्षेत्र में अपनी सेना इकट्ठी की थी और उनकी सेना में लगभग 1 लाख सैनिक थे। वह अपनी सेना को अच्छी तरह से तैनात करके युद्ध के लिए तैयार थे।
इसके विपरीत, बाबर की सेना छोटी थी और उसमें लगभग 12,000 सैनिक थे। लेकिन, बाबर की सेना अच्छी तरह से तैनात और व्यवस्थित थी। युद्ध के दौरान, बाबर अपनी चतुराई तकनीक का उपयोग करते हुए दुश्मनी को पराजित करने के लिए समर्थ रहे। उन्होंने हाथी, तोप, तरकश और तारामंडल जैसे युद्ध यंत्रों का प्रयोग किया।
इस युद्ध में, बाबर की सेना ने इब्राहिम लोदी की सेना को पराजित कर दिया। इब्राहिम लोदी की मृत्यु हो गई और उनकी सेना भाग गई। इस युद्ध के बाद, बाबर ने दिल्ली को जीतकर मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी और उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों को अपने अधीन किया। यह युद्ध मुग़ल साम्राज्य की स्थापना का पहला और महत्वपूर्ण कदम था।
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