भारत के मुख्य न्यायधीश नियक्ति एवं उसकी शक्तियां बताएं
भारत के मुख्य न्यायाधीश देश के सर्वोच्च न्यायिक पद को संभालते हैं। उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के अधिकार में होती है और उनका कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है, या जब तक कि वे अपने पद की अवधि पूरी नहीं कर देते हैं।
निम्नलिखित हैं मुख्य न्यायाधीश की प्रमुख शक्तियां:
सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख: मुख्य न्यायाधीश संविधानिक अधिकार के धारा 124 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख होते हैं। वे न्यायाधीशों की संख्या, सर्वोच्च न्यायालय के कार्य संबंधी नियमों, और न्यायिक प्रक्रिया संबंधी मामलों में अधिसूचना जारी करते हैं।
कानूनी मामलों का निर्णय देना: मुख्य न्यायाधीश को कानूनी मामलों का निर्णय देने की प्राधिकरणिक शक्ति होती है। वे सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत मामलों का निर्णय देते हैं और सुनवाई करते हैं। उनके द्वारा किए गए निर्णय सामरिक, सांस्कृतिक, सार्वजनिक या राजनीतिक मामलों में महत्वपूर्ण होते हैं।
न्यायिक नीति का संरक्षण करना: मुख्य न्यायाधीश को भारतीय संविधान के अंतर्गत न्यायिक नीति का संरक्षण करने की शक्ति होती है। वे न्यायिक प्रक्रिया और न्यायिक नीति के विकास और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं।
न्यायालयीन सुधारों का संचालन: मुख्य न्यायाधीश को न्यायालयीन सुधारों का संचालन करने की शक्ति होती है। वे न्यायिक प्रणाली में सुधार की योजनाओं को प्रोत्साहित करते हैं और न्यायिक निकायों के संचालन में अद्यतन लाते हैं।
ये शक्तियां मुख्य न्यायाधीश की केवल उदाहरण हैं और भारतीय संविधान के अनुसार उनकी अन्य शक्तियां भी हो सकती हैं।