अम्लीय वर्षा – पहली बारिश में, हवा में मौजूद धूल, मिट्टी और अन्य प्रदूषक बूंदों के साथ मिलकर जमीन पर गिरते हैं। यह अम्लीय वर्षा त्वचा, आँखों और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है।
संक्रमण – पहली बारिश में, कीटाणु और बैक्टीरिया जमीन से बहकर पानी में मिल जाते हैं। इससे त्वचा रोग, टाइफाइड, और हेपेटाइटिस A जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
ठंड लगना – पहली बारिश के बाद का मौसम अक्सर ठंडा हो जाता है। भीगने से थंड लगना, बुखार और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एलर्जी – पहली बारिश और फफूंद जैसी एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ हवा में बढ़ जाते हैं। इससे एलर्जी और अस्थमा के दौरे बढ़ सकते हैं।
बिजली गिरना– बिजली गिरने का खतरा बारिश के दौरान सबसे ज्यादा होता है, खासकर पहली बारिश में।
दुर्घटनाएं – बारिश में सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, जिससे फिसलकर गिरने और दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है।
सावधानियां बर्तें
गर्म पानी से नहाएं और अपने कपड़े सुखा लें।
गर्म तरल पदार्थ का सेवन करें।
अपने आप को गर्म रखें।
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