मुंबई की जानलेवा बारिश
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मुंबई की जानलेवा बारिश
मौसम विभाग ने अभी हाल में भारी वर्षा के चलते महाराष्ट्र गोवा गुजरात में रेड अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के मुंबई में सबसे अधिक बारिश हो रही है और इस बारिश के कारण मुंबई का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है, और यह बारिश जानलेवा साबित हो रही है मानसून की वापसी पर कई शहरों में विशेष कर तटीय शहरों में भारी वर्षा होती है। जिससे नगर में बाढ़ जैसी स्थिति में आ जाती हैं। मानसून की वापसी पर तमिलनाडु में भी बारिश होती है आंध्र प्रदेश में बारिश होती है और महाराष्ट्र में और गुजरात में यही लगभग संपूर्ण भारत में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में बारिश होती है।
मानसून की वापसी पर अधिक बारिश होने का कारण जानने के लिए हमें समझना होगा कि अगस्त के अंत तक लगभग संपूर्ण भारत में मानसून पहुंच जाता है और सितंबर के प्रथम सप्ताह में मानसून की वापसी प्रारंभ हो जाती है। आपको समझना होगा कि सितंबर माह में यानी अक्टूबर के प्रारंभिक दिनों में उत्तर भारत में तापमान में भी कमी आती है एक तो संपूर्ण भारत में मानसून पहुंच चुका है जिससे संपूर्ण भारत में आद्रता है।
संपूर्ण भारत में नमी है और तापमान के काम होने से सघनन प्रक्रिया में वृद्धि होती है तो जो वायुमंडल में आद्रता है यह जो वायुमंडल में नमी है यह वायुमंडल में जो पानी है शीघ्र संघनित होता है। संघनन होने का मतलब है जलवाष्प का जल की बूंद में बदलना। तापमान के काम होने से और वर्षा बार-बार होती है और अधिक होती है।
मुंबई एवं अन्य बड़े शहरों में यह वर्षा जानलेवा हो जाती है क्योंकि यह वर्षा कम समय में अधिक होती है। दिल्ली मुंबई मेट्रो सिटी है इनमें जल निकासी की व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं होती है जिसके कारण अचानक बारिश होने पर जल भराव अत्यधिक हो जाता है और इन बड़े नगरों में विकसित नगरों में दिल्ली जैसे नगरों में बाढ़ जैसी स्थिति आ जाती है।
यह जानलेवा साबित होती है इस प्रकार की वर्षा के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए हमें नगरों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। बारिश अधिक होने पर यदि जल निकास की व्यवस्था अच्छी है तो सड़कों पर या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जल भराव नहीं होगा और ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो पाएगी।
मानसून का वापस होना या बरसात होना यह एक प्राकृतिक घटना है इसे ना रोका जा सकता है ना ही कम किया जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थान पर बारिश जानलेवा ना हो इसके लिए बारिश का पानी इस तरह से व्यवस्थित करें कि जब बारिश हो तो आसानी से वह नालियों द्वारा या किसी अन्य माध्यम द्वारा निकल जाए और जल भराव जैसी स्थिति ना हो। प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और साथ साथ ही साथ स्थानीय निकायों निकायों को भी इस पर कार्य करने की आवश्यकता है।