व्यक्तित्व परीक्षा के विभिन्न चरण
यद्यपि व्यक्तित्व परीक्षा के विभिन्न चरणों का उल्लेख तथा इस पर चर्चा करना कुछ नायनों में शैक्षणिक अभ्यास जैसा प्रतीत होता है परन्तु यहां कुछ समय के लिए आपका सहयोग यह बताने के लिए चाहूंगा कि इस की जानकारी ही व्यक्तित्व परीक्षा में आपकी सफलता का मूल मंत्र है। व्यक्तित्व परीक्षा के निम्नलिखित तीन चरण होते है
1 . साक्षात्कार से पूर्व का चरण (Pre Interview Stage)
यह एक ऐसा चरण है जहा अभ्यर्थी तथा बोर्ड सदस्य के बीच सीधा सम्पर्क स्थापित नहीं होता। यह एक ऐसी अवस्था है जहा कि बोर्ड सदस्य अभ्यर्थी के बारे में उसके द्वारा जमा किए गए विस्तृत आवेदन पत्र (Detailed Application Form) के माध्यम से अपनी पहली राय बनाते है।
आप यह सोच रहें होंगे कि इस चरण पर चर्चा क्यों की जा रही है। आखिरकार, व्यक्तित्व परीक्षा तो बोर्ड से आमने-सामने मिलने पर प्रारभ होती है। उपरोक्त प्रश्न का जवाब है कि यह व्यक्तित्व परीक्षा का एक बहुत महत्वपूर्ण चरण है क्योंकि इससे बोर्ड के सदस्यों पर अभ्यर्थी के प्रति गहरा प्रभाव पड़ता है और इस प्रभाव के परिणामस्वरूप ही बोर्ड, अभ्यर्थी से पूछे जाने वाले प्रश्नों की धार तथा तीष्णता तय करता है।
साथ ही अनुसंधानकर्ताओं ने भी इस ओर सकेत किया है कि बोर्ड द्वारा अभ्यर्थी से मिलने के पूर्व बनाये गए इस मत का प्रभाव काफी दूरगामी होता है। साथ ही. साक्षात्कार के पश्चात, उम्मीद्वार को मिलने वाले अको को भी यह चरण प्रभावित करता है।
अतः मैं आपके ध्यान में यह बात लाना चाहता हूं कि आपकी व्यक्तित्व परीक्षा तो वास्तव में आपके साक्षात्कार से कई माह पूर्व ही, विस्तृत आवेदन पत्र (Detailed Application Form) भरने के साथ ही प्रारंभ हो जाती है। अतः यह जरूरी है कि इस पत्र को ध्यान से भरा जाए। अधिक जानकारी हेतु कृपया पृष्ठ सख्या पर अध्याय “विस्तृत आवेदन पत्र कैसे भरें देखें।
2 .साक्षात्कार चरण (Interview stage)
यह वास्तविक साक्षात्कार है, जिसे हम उसके परम्परागत रूप में जानते है और इसी चरण की इस पुस्तक में विस्तृत चर्चा की गई है।
3 . साक्षात्कार के पश्चात का चरण (Post Interview Stage)
यह चरण इस परीक्षा के संदर्भ में आपके भाग्य का फैसला करता है। यह वह चरण है जहा बोर्ड अभ्यर्थी को अंक प्रदान करता है। अभ्यर्थी को यह अक वास्तविक साक्षात्कार के दौरान बोर्ड पर उसके प्रभाव के परिणामस्वरूप प्राप्त होते है। यहां यह बताना अति आवश्यक है कि साक्षात्कार के अंतिम चंद क्षण, अभ्यर्थी के अंतिम मूल्याकन में अहम भूमिका अदा करते है।
अतः जब आपको यह अनुभव होने लगे कि शायद यह अंतिम अथवा अंतिम प्रश्नों में से एक है. तो आप उत्तर देने में अनुशासित, केन्द्रित तथा अतिरिक्त सावधानी रखें। “अत भला तो सब भला यह कहावत पूर्णतयः चरितार्थ होती है। यदि यह सुनिश्चित कर लें कि आप व्यक्तित्व परीक्षा को सकारात्मक रूप से समाप्त करने में सफल रहते है तो ऐसी संभावनाएं अधिक हो जाती है कि आप अपनी शुरूआती गलतियों नुकसान कम हो सकता था।
मुझे इस बात की पूरी आशा है कि अब तक आप यह जान गए होंगे कि यह आपका कोई शैक्षणिक अभ्यास नहीं था बल्कि व्यक्तित्व परीक्षा की विभिन्न चरणों की सटीक जानकारी होना, इसकी तैयारी में उठाया गया पहला सुदृढ एवं सही कदम है।
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