साइमन कमीशन

साइमन कमीशन

8 नवंबर, 1927 को ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय संवैधानिक आयोग की नियुक्ति की गयी थी । इसमें कोई भी भारतीय का सदस्य नहीं शामिल नहीं था।  

यह 3 फरवरी, 1928 को आयोग मुंबई पहुँचा।भारत में इसका बहुत विरोध हुआ इसके विरोध में दिसंबर 1928 में लाहौर में लाला लाजपत राय लाठी चार्ज में घायल हो गये और उनकी मौत हो गयी। 

साइमन कमीशन की सिफारिशें निम्न प्रकार थी। 

(क)एक मजबूत केन्द्र सरकार की स्थापना।

(ख) प्रांतों की स्वायत्तता ।

(ग)प्रांतों में द्वैध की शासन की समाप्ति।

(घ)सांप्रदायिक निर्वाचन की व्यवस्था जारी।

(ङ)प्रांतीय विधान मंडल में मताधिकार का विस्तार।

(च)बर्मा को भारत से अलग करना।

(छ)भारत के लिए संघीय संविधान।

साइमन कमीशन के विरोध के कारण

1.इसआयोगके सभी सदस्य अंग्रेज थे और इसमें एक भी भारतीय शामिल नहीं था। इससे भारतीयों को यह लगा कि यह आयोग उनके हितों को ध्यान में नहीं रखेगा।2.इसआयोगका गठन स्वराज की मांग को कम करने के लिए किया गया था। इससे भारतीयों को यह लगा कि यह आयोग भारत को स्वराज नहीं देगा।3.इसआयोगकी सिफारिशों में भारतीयों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया था। इससे भारतीयों को यह लगा कि यह  आयोग भारत को एक वास्तविक स्वराज्य नहीं देगा।

साइमन कमीशन के विरोध के परिणाम

1.साइमन कमीशन के विरोध ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और तेज कर दिया।

2.इस विरोध ने भारतीयों में स्वतंत्रता की भावना को और मजबूत किया।

3.इस विरोध ने भारत में ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों की नाराजगी को और बढ़ा दिया।

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