साक्षात्कार परीक्षा की प्रतिदिन तयारी कैसे करें ?
मुख्य परीक्षा के परिणाम घोषित करने के कुछ दिनों के पश्चात, संघ लोक सेवा आयोग उन उम्मीदवारों की प्रथम सूची जारी करता है. जिनका साक्षात्कार लिया जाना है। साक्षात्कार दो सत्रों पूर्वाहन तथा अपराहन में आयोजित किए जाते है।
व्यक्तित्व परीक्षा से पहले सदैव हल्का भोजन (नाश्ता या लंच समय के अनुसार) लें। खाली पेट न रहे। खाली पेट तथा भारी भोजन दोनों ही ठीक नहीं ।
आकांक्षी अधिकारी को व्यक्तित्व परीक्षा के निर्धारित दिन अपने सत्र के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग के कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए। आपको व्यक्तित्व परीक्षा केन्द्र में निर्धारित समय से कम से कम आधा घंटा पहले पहुंच जाना चाहिए। यहां मैं आपको यह सलाह दूंगा कि आप टैक्सी से या आटो से जाए, जिसे पूर्व आरक्षित रखा जाना अपेक्षित है। साथ ही. जहां तक संभव हो, आपके पास इसके लिए एक दूसरा विकल्प भी तैयार रखना चाहिए। आपको जन यातायात साधन विशेषकर बस का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे न केवल आपको अनावश्यक तनाव महसूस होगा बल्कि दूसरी अनावश्यक घटनाएं जैसे वस्त्र खराब होना इत्यादि भी घटित हो सकती है।
परीक्षा स्थल पर पंहुच कर तथा सुरक्षा जांच से गुजरने के पश्चात, अभ्यर्थियों को प्रतीक्षाकक्ष में बिठाया है। इस हॉल में मेज लगी होती है तथा हरेक मेज को 4 से 5 उम्मीदवार उपयोग कर सकते है। प्रत्येक मेज का ध्यान रखने हेतु एक सहायक उपलब्ध होता है जो दस्तावेजों की जांच संबंधी कार्य को पूरा करता है। प्रतीक्षा हॉल का वातावरण बहुत ही आरामदायक तथा सहयोग पंहुचाने वाला होता है जहां उम्मीद्वार आपस में बातचीत, चर्चा तथा विभिन्न विषयों पर बात कर सकते है। वहां उस दिन के समाचार पत्र उपलब्ध होते है तथा अभ्यर्थी हेतु चाय तथा बिस्किट भी रखे जाते है।
तत्पश्चातः, उम्मीदवारों को उनके बोर्ड के बारे में सूचना दी जाती है। सामान्यतयः लगभग 6 से 8 बोर्ड एक साथ साक्षात्कार आयोजित करते है। प्रत्येक बोर्ड का एक अध्यक्ष होता है जो संघ लोक सेवा आयोग का एक सदस्य होता है (ध्यान रहे कि संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष किसी भी बोर्ड का अध्यक्ष नहीं होता है)। अध्यक्ष के अतिरिक्त, प्रत्येक बोर्ड में 4 अन्य सदस्य होते है जो संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य नहीं होते परन्तु अपने अपने क्षेत्र के विख्यात व्यक्ति होते है। सामान्यतयः एक बोर्ड द्वारा एक सत्र के दौरान 05 से 06 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाता है। दस्तावेजों की जांच की औपचारिकता पूरी होने के पश्चात, चपरासी हॉल में आकर एक एक उम्मीदवार का नाम पुकारता है तथा इसी क्रम में वे अपने अपने साक्षात्कार बोर्ड के पास जाते है। अंतिम उम्मीदवार तक यही प्रक्रिया चलती रहती है।
अपने साक्षात्कार बोर्ड से बहुत अधिक चिंतित होने की आवश्यकता नहीं होती। स्पष्ट कडू तो. मैं इस बात से सहमत हूं कि साक्षात्कार बोर्ड के अंक देने की विधि में कुछ अंतर अवश्य होता है परन्तु साथ ही उतनी ही स्पष्टता से मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कोई भी बोर्ड “उम्मीद्वार विरोधी बोर्ड नहीं होता है। अतः उस विषय को भूलना ही बेहतर है जहां आप कुछ कर पाने में असमर्थ हो। इतना विश्वास अवश्य रखें कि परमपिता परमेश्वर ने जो आपके लिए निर्णय किया होगा, वहीं सर्वोत्तम निर्णय है।
इस बहुप्रतीक्षित दिन के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां इस प्रकार से हैं।
साक्षात्कार का बुलावा पत्र तथा आयोग द्वारा वांछित कोई अन्य दस्तावेज साथ लेकर जाना न भूलें अपने साथ मोबाइल फोन न लेकर जाए या इसे किसी मित्र को सौंप दें।
प्रतीक्षा हॉल में बैठकर किसी नए विषय पर रट्टा लगाने या उसे सीखने के लालच से बचें। आप केवल अन्य आकांक्षी अधिकारियों के साथ हल्की चर्चा अथवा बातचीत करें। अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते तो बस चुपचाप बैठ जाए तथा ऑफिस योग की कोई मुद्रा करें।
यदि आपको शौचालय जाने की जरूरत महसूस हो तो अवश्य जाए। किसी भी दबाव के साथ व्यक्तित्व परीक्षा में शामिल होना ठीक नहीं है।