IAS साक्षात्कार परीक्षा के समय प्रारंभिक पल
IAS साक्षात्कार परीक्षा के समय प्रारंभिक पल कैसा हो ? एक महत्वपूर्ण कहावत है कि पहला प्रभाव के संदर्भ में भी बहु महत्वपूर्ण है। सामान्यतय अंतिम प्रभाव यह कहावत आपकी व्यक्तित्व परीक्षा देखा गया है कि बोर्ड पर पहले कुछ मिनटों के दौरान आपका जो प्रभाव पड़ता है वह बहुत ही निर्णायक होता है तथा वह उम्मीद्वार, अंततः कितने अंक प्राप्त करता है, इन प्रारंभिक मिनटों पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
अतः प्रारंभ से ही यह सुनिश्चित करें कि आपका प्रत्येक कदम तथा शब्द पूरी तरह से ठीक हो। धीमे से दरवाजा खटखटाएं तथा प्रवेश से पूर्व अनुमति प्राप्त करें। अनुमति मिलने के पश्चात, चेहरे पर मुस्कान के साथ तथा सकारात्मक हाव भाव के साथ साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश करें।
गति सामान्य हो तथा सीधे आपके लिए रखी कुर्सी तक जाए। आपके चेहरे के भाव तथा शारीरिक हाव भाव पूरी तरह से शांत दिखाई दें। सभी बोर्ड सदस्यों का विनम्रतापूर्वक अभिवादन करें और यदि बोर्ड में कोई महिला सदस्य हो तो सर्वप्रथम उनका अभिवादन करें अन्यथा प्रथम अभिवादन अध्यक्ष का किया जाना चाहिए तथा उनके पश्चात सभी सदस्यों का अभिवादन करें।
बोर्ड सदस्यों द्वारा कहे जाने पर ही उन्हें धन्यवाद देते हुए अपना स्थान ग्रहण करें। उन्हे धन्यवाद देते समय उनकी ओर देखना तथा चेहरे पर मुस्कान रखना न भूलें यदि अपना स्थान ग्रहण करते समय आपको अपनी कुर्सी को हिलाने की आवश्यकता है, तो ऐसा बहुत धीमें से करें कि ज्यादा आवाज उत्पन्न न हो।
अपनी कुर्सी तथा सामने के मेज के मध्य उचित दूरी बनाए रखें। कुर्सी पर बैठ जाने के उपरांत, स्वयं को व्यवस्थित करें तथा ध्यान रखें कि आपका बैठने का ढग शिष्टाचारपूर्ण हो, सकारात्मक हो तथा आप से विश्वास झलके।
यहा मैं आपके शारीरिक हाव भाव की भाषा के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालना चाहता हूं। आपके हाथ आपके घुटनों पर टिके हों। अपने टखने (दासम) एक दूसरे के ऊपर न रखें तथा एक पैर के ऊपर दूसरा पैर तो कभी भी न रखें। बाहों को एक दूसरे के ऊपर न रखें पैरों को न हिलाते रहें। जेबों को हाथ में न डालें तथा साथ ही कभी भी अपने हाथों को मेज पर न रखें।