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डीजल पेट्रोल के उपयोग बंद करने से 40 % प्रदूषण कम हो सकता है ?
हाँ, डीजल और पेट्रोल के उपयोग को बंद करने से प्रदूषण कम हो सकता है, खासकर वायु प्रदूषण। यह इसलिए हो सकता है क्योंकि इन दोनों ईंधनों का उपयोग ग्रहण मोटर वाहनों, जैसे कि कार, ट्रक, और मोटरसाइकिल, में होता है और इन वाहनों का उपयोग विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अधिक होता है।
भारत प्रति वर्ष 16 लाख करोड़ का पेट्रोल और डीजल आयात करता है और 12 लाख करोड़ का कोयला आयात करता है यह हमारे लिए आर्थिक चुनौती भी है और प्रदूषण की समस्या भी। हमें डीजल पेट्रोल और कोयले आधारिक ऊर्जा को रोकना होगा इसके लिए है हमें IIT जैसे संस्थानों का सहयोग लेना होगा हमें नयी तकनीक विकसित करनी होगी। हमारी तकनीक आर्थिक व्यवहारिक होनी चाहिए। भारत 2030 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता के 500 GW को लक्षित कर रहा है। वर्तमान में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 172 GW है हम अक्षय ऊर्जा के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर आते हैं।
हमें बायोमास आधारित ऊर्जा को बढ़ावा देने की जरुरत है। हमारे देश में परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम की कमी इसलिए हमे थोरियम आधारित ऊर्जा के लिए तकनीक विकसित करनी होगी।
डीजल और पेट्रोल ध्वनि, पार्टिकलेट्स, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड और अन्य जलनीय तत्वों को वायु में छोड़ते हैं, जो वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक होते हैं। इन उपयोगों को बंद करने से, वायु प्रदूषण के स्तरों में सुधार हो सकता है और इससे हमारे आसपास के माहौल की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।
हालांकि, इस समस्या को पूरी तरह से हल करने के लिए डीजल और पेट्रोल के बदले विकल्प ढूंढना और उन्हें प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण है। इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइब्रिड वाहनों, हाइड्रोजन परिचालित वाहनों, बायोडीजल, और श्रीमती विकल्पों का प्रयोग करना प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकता है।
प्रदूषण को कम करने के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रोत्साहना करने, ईंधनों के संगठनों के लिए प्रदाय नीतियों और नियमों को मजबूत करने, और वैश्विक स्तर पर शुद्ध ऊर्जा स्रोतों के विकास पर सामर्थ्य विकसित करने जैसे कई कदम उठाए जा सकते हैं। इन सभी उपायों का संयोजन करके, हम प्रदूषण को कम करने में सफल हो सकते हैं और स्वच्छ और स्वस्थ माहौल की ओर एक प्रगतिशील कदम बढ़ा सकते हैं।
ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन
ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन एक प्रमुख आयोजन है जो दिल्ली, भारत में आयोजित किया जाता है। यह सम्मेलन विभिन्न ऊर्जा सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा करने, नवाचारी तकनीकों का प्रदर्शन करने और ग्रीन ऊर्जा क्षेत्र में नवीनतम विकासों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह सम्मेलन स्थानीय और विदेशी ऊर्जा क्षेत्र के नेताओं, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, उद्यमियों, निवेशकों, निर्माताओं, शिक्षार्थियों, सरकारी अधिकारियों और एकाधिकारिकों को एकत्रित करता है।
दिल्ली ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन दिल्ली सरकार के द्वारा आयोजित किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण कम करने, स्वच्छता बढ़ाने, और नवाचारी और स्थायी ऊर्जा स्रोतों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का है। यह सम्मेलन ग्रीन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बिजली, विद्युतीयकरण, पर्यावरण नीति, ऊर्जा संचय, जीवाश्मी ऊर्जा, और संबद्ध विषयों पर विशेषज्ञों के बीच ज्ञान विनिमय को सुनिश्चित करने का माध्यम है।
इस सम्मेलन में विभिन्न व्याख्यान, प्रदर्शनी, पैनल चर्चाएं, और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है, जिसमें ऊर्जा विभागों, शिक्षण संस्थानों, और उद्योगों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां नवाचारी और पर्यावरण मित्र अपने अद्यतित ज्ञान और अनुभवों को साझा कर सकते हैं और नई संभावनाओं का पता लगा सकते हैं।
दिल्ली ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं, ऊर्जा सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साझा कार्य करता है। यह ऊर्जा सम्मेलन दिल्ली की ऊर्जा और पर्यावरण क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करने और सरकारी नीतियों और कदमों को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
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