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आज के टॉपिक
1. पद्म पुरस्कार
2. एशियाई विकास बैंक
3. किसी भी व्यक्ति की संसद सदस्यिता किस प्रकार जाती है ?
4. अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस
5. जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन
पद्म पुरस्कार 2024
पद्म पुरस्कार 2024
पद्म पुरस्कार क्या है ?
यह किसे दिए जाते है ?
पद्म पुरस्कार का उद्देश्य क्या है ?
क्या आने वाली पीढ़ी को यह प्रोत्साहित करते हैं ?
2023 में पद्म पुरस्कार किसे दिए गए ?
पद्म पुरस्कार 2024
चर्चा में : वर्ष 2024 के पद्म पुरस्कार के नामांकन प्रारम्भ हो चुके है यह 2023 तक चलेंगे।
पद्म पुरस्कार क्या है ?
पद्म पुरस्कार हमारे देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं। पद्म पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक–कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल–कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं। हमारे देश यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्घोषित किये जाते हैं तथा सामान्यतः मार्च/अप्रैल माह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।यह सम्मान प्राप्त करना किसी भी नागरिक के लिए एक स्वप्न के समान होता है।
यह सम्मान तीन दिए दिए जाते हैं –
1. पदम् विभूषण
2 पदम् भूषण
3. पदम् श्री
पद्म पुरस्कार का उद्देश्य क्या है ?
पद्म पुरस्कार का उद्देश्य देश के लोगों को प्रेरित करना और उन लोगों को प्रतिभा को सम्मान देना जो देश के लिए कुछ अतुलनीय करते हैं। यह सम्मान बिना किसी भेदभाव के प्रदान किये जाते हैं। इससे लोगों के मन में एकता और राष्ट्रीयता की भावना पनपती है।
क्या आने वाली पीढ़ी को यह प्रोत्साहित करते हैं ?
हां अवश्य यह आने वाली पीढ़ी को प्रोत्साहित करते हैं। जब किसी को यह पुरस्कार मिलता है तो यह सम्मान का विषय होता है यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में प्रदान किये जाते है। हमारे देश के राष्ट्रपति स्वम् सम्मानित करते हैं।
2023 में पद्म पुरस्कार किसे दिए गए ?
इस बार 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों की सूची में 19 महिलाएं हैं और विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।
पद्म विभूषण विजेता 2023
संख्या पद्म विभूषण विजेता संबंधित क्षेत्र संबंधित राज्य
1. बालकृष्ण दोषी अन्य – वास्तु कला गुजरात
2. जाकिर हुसैन कला महाराष्ट्र
3. एसएम कृष्णा लोक कार्य कर्नाटक
4. मुलायम सिंह यादव लोक कार्य उत्तर प्रदेश
5. दिलीप महालनाबिस चिकित्सा पश्चिम बंगाल
6. श्रीनिवास बर्दवान विज्ञान और इंजीनियरिंग USA
2. एशियाई विकास बैंक
चर्चा में :
एशियाई विकास बैंक क्या है ?
एशियाई विकास बैंक के उद्देश्य क्या ?
एशियाई विकास बैंक प्रासंगिकता क्या है ?
एशियाई विकास बैंक के सदस्य कौन कौन हैं ?
एशियाई विकास बैंक
चर्चा में : भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन आज दक्षिण कोरिया में एशियाई विकास बैंक के निदेशक मंडल की 56वीं वार्षिक आम सभा में भाग लेंगी
एशियाई विकास बैंक क्या है ?
अब बात करते हैं एशियाई विकास बैंक क्या है ? एशियाई विकास बैंक एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण के लिए की गयी थी एशियाई विकास बैंक यूऍन (UN) इकोनॉमिक कमीशन फॉर एशिया एंड फार ईस्ट और गैर क्षेत्रीय विकसित देशों के सदस्यों को सम्मिलित करता है।
एशियाई विकास बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी, अब एडीबी के पास अब 68 सदस्य हैं – जिसमे से 49 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं। एशियाई विकास बैंक का प्रारूप काफी हद तक वर्ल्ड बैंक के आधार पर बनाया गया था और वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था है जिसमे वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है।
एशियाई विकास बैंक के उद्देश्य क्या ?
एशियाई विकास बैंक ऑर्डिनरी कैपिटल रिसोर्सेज़ से व्यापारिक शर्तों पर “हार्ड” लोन देता है और एशियाई विकास बैंक से सम्बद्ध एशियन डेवलपमेंट फंड विशिष्ट कोष से रियायती दरों पर “सॉफ्ट” लोन देती है। यह एशिया में संरचना विकास में मदद करता है।
एशियाई विकास बैंक प्रासंगिकता क्या है ?
लोगों का मानना है जो काम विश्व बैंक करता है वही एशिया में एशिया विकास बैंक करता है।
एशियाई विकास बैंक के सदस्य कौन कौन हैं ?
एशिया विकास बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी, अब एएशिया विकास बैंक के पास अब 68 सदस्य हैं – जिसमे से 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं। और 19 सदस्य एशिया से बहार के देश हैं।
3. किसी भी व्यक्ति की संसद सदस्यता किस प्रकार जाती है ?
चर्चा में क्यों :
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम क्या है ?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में उद्देश्य क्या है ?
क्या यह लोकतंत्र के लिए सही है ?
क्या कभी इस कानून का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है ?
किसी भी व्यक्ति की संसद सदस्यता किस प्रकार जाती है ?
चर्चा में क्यों :
अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्य्ता निरस्त हुई और अभी हाल में उत्तर प्रदेश के बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजल अंसारी की सदस्य्ता जाएगी।
अफजल अंसारी को चार वर्ष का कारावास हुआ है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम क्या है ?
यह कानून भारत में लोक सभा, राज्य सभा, राज्य विधान सभाओं और देश में राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 के तहत यदि कोई व्यक्ति एक ही सदन में दो सीटों पर चुना जाता है, तो उसे स्वेच्छा से किसी सीट को खाली करना होता है। अन्यथा दोनों सीटें रिक्त हो जाती हं। चुनाव आयोग ने सरकार से सिफारिश की है कि एक व्यक्ति को केवल एक ही सीट पर चुनाव लड़ने का प्रावधान हो। ऐसा नहीं है कि चुनाव आयोग ने ये सिफारिश पहली बार की है। 2004 में भी चुनाव आयोग दो बार ऐसी सिफारिशें कर चुका है लेकिन, कानून बनाने वाले हमारे सांसद अपने ही हितों की अनदेखी कर कानून कैसे बना सकते हैं।
यदि किसी संसद सदस्य को दो वर्ष से अधिक कारावास होता है तो उसकी संसद सदस्य्ता निरस्त हो जायेगी।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में उद्देश्य क्या है ?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का मुख्य उद्देश्य यही लोकतंत्र को और मजबूत करना। इसका उद्देश्य यह भी कोई देश की जनता का गलत तरीके से जन समर्थन न ले ले। यदि ऐसा होता है तो न्यायालय उसकी संसद सदस्य्ता रद्द कर सकता है।
क्या यह लोकतंत्र के लिए सही है ?
हां. यह लोकतंत्र के लिए सही है। लोकतंत्र में ऐसा कई बार होता है लोग जनता को वाहला फुसला कर जन समर्थन ले लेते है। यदि जनता से किसी प्रकार की चूक हो जाये तो न्यायालय उसे सही करता है।
क्या कभी इस कानून का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है ?
यह भी हो सकता है कि इस क़ानून का गलत इस्तेमाल हो सत्ता पक्ष अपने दवाव में अपने लिए इसका प्रयोग कर सकती है। हम सभी ने ऐसा देखा है विपक्ष द्वारा सरकार पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं।
4. अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस
चर्चा में :
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस क्यों मनाया जाता है ?
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस और भारत
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस
चर्चा में :सम्पूर्ण विश्व में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस क्यों मनाया जाता है ?
मज़ूदर आन्दोलन तथा श्रमिकों के बलिदान और संघर्ष की स्मृति में आज अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जा रहा है। इसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मजदूर दिवस की शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई, जब दुनियाभर के श्रमिकों ने बेहतर काम करने की स्थिति और उचित वेतन और कम काम के घंटे की मांग शुरू कर दी थी। अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस मई दिन मनाने की शुरुआत 1 मई १1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से अधिक न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इसी हड़ताल के समय शिकागो की हे मार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने श्रमिकों पर गोली चला दी और सात श्रमिक मार दिए। यह एक बड़ी घटना थी।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस और भारत
यदि हम भारत की बात करें तो भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई, 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। पहले मई दिवस समारोह का आयोजन लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा किया गया था। काम करने वाले लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हमारे समाज में श्रमिक वर्ग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की भी याद दिलाता है।
5. जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन
चर्चा में : भारतीय महिला पहलवान कई दिनों से जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं।
क्या है मामला ?
भारतीय महिला पहलवानों ने हमारे देश का नाम दुनिया रोशन किया है उन्ही लोगों के अपने देश में अपनी बात कहने लिए धरना प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है। यह जंतर-मंतर बहुत पवित्र जगह है. 2011 में अन्ना हज़ारे ने यहीं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन खड़ा किया था. उस आंदोलन ने देश की राजनीति बदल दी थी और भी कई आंदोलनों की शुरुआत यही से हुई है।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले कई दिनों से ओलंपिक चैंपियन पहलवान, भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. पहलवानों का कहना है कि सिर्फ़ एफ़आईआर दर्ज होने से वे प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे.महिला पहलवानों का कहना है कि जब तक बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वे घर नहीं जाएंगे.
महिला पहलवानों के समर्थन में कई नेता और बड़े खिलाडी और बड़ा जन समर्थन खड़ा है।
18 जनवरी, 2023 को पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर कई गंभीर लगाए थे.उन्होंने कहा बृजभूषण सिंह और कोच, नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं.
इसके बाद केंद्रीय खेल मंत्री ने खिलाड़ियों के साथ मुलाक़ात की और 23 जनवरी को आरोपों की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति बनाई.
एमसी मेरीकॉम को इस समिति का अध्यक्ष चुना गया था.