UGC /NET JRF GEOGRAPHY MCQ
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Daily current affairs for civil services exam.
UPSC PRELIMS -2023 1.With reference to Home Guards, consider the following statements: 1. Home Guards are raised under the Home Guards Act and Rules of the Central Government. 2. … Read more
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार बुल्गेरिया लेखक एंजेला रोडेल ने अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता यह पुरस्कार उन्हें उनके उपन्यास टाइम शेल्टर ” के लिए दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में 50 हज़ार पाउंड की राशि दी जाती है। किसे दिया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार ?अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार उन उपन्यासकारों को दिया जाता है जिनके उपन्यास को इंग्लिश में अनुवाद किया गया हो। यह पुरस्कार दो साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है जो बुकर पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। 2005 में, अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से शुरू हुआ और 2015 तक द्विवार्षिक रूप से दिया गया। 2016 से इसे सालाना दिया जा रहा है। क्या है टाइम शेल्टर की थीम ? यह एक ऐसे क्लीनिक की कल्पना करता है जो अतीत को फिर से बनाता है। यह एक हास्य उपन्यास है। इसमें प्रत्येक मंजिल एक अलग दशक को दिखाती है।पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार भारतीय लेखिका गीतांजली श्री और अमेरिकी अनुवादक डेजी रॉकवेल को Tomb of Sand” के लिए मिला था।
मणिपुर में हिंसा का क्या कारण है ? मणिपुर में मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध करते हुए सभी जिलों में एकजुटता मार्च आयोजित करने के बाद 3 मई को हिंसा शुरू हुई, जिसने मणिपुर राज्य सरकार से मांग के संबंध में केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहा था। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करें। अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों के मारे जाने, सैकड़ों के घायल होने और अन्य लोगों के अलावा कुकी और मैतेई समुदायों के 9,000 से अधिक लोगों के विस्थापित होने की सूचना है। विवाद का वास्तविक कारण : तात्कालिक उत्तेजना मेइती समुदाय की मांग थी, जो मणिपुर की आबादी का 53 प्रतिशत हिस्सा है और मुख्य रूप से मणिपुर घाटी में रहता है, जिसे एसटी सूची में शामिल किया जाना है लेकिन यह केवल एक कारण है इसके अलावा भी कई कारण है जैसे कुकी लोगों की सताए जाने की भावना से भी जुड़े हैं। कई चिन, म्यांमार में सीमा पार से एक ही जातीय समूह के लोग, हिंसा और उत्पीड़न से भागकर भारत में प्रवेश कर चुके हैं, और इन तथाकथित अवैध प्रवासियों के खिलाफ सरकार के सख्त रुख ने कुकीज़ को नाराज कर दिया है, जिनके वे परिजन हैं। जनजातीय समुदाय द्वारा मणिपुर की पहाड़ियों में आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्रों के अतिक्रमण के खिलाफ भाजपा के मुख्यमंत्री का कड़ा रुख विभिन्न कारणों से उपजा है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि पहाड़ियों में कई एकड़ जमीन का उपयोग अफीम की खेती के लिए किया जा रहा है। सरकार वन क्षेत्रों पर अपनी कार्रवाई को ड्रग्स के खिलाफ एक बड़े युद्ध के हिस्से के रूप में देखती है। एक कारण यह भी है कि मणिपुर में भूमि पर गंभीर दबाव है। जैसे–जैसे आदिवासी गाँवों में आबादी बढ़ती है, वे आसपास के वन क्षेत्रों में फैल जाते हैं, जिसे वे अपना ऐतिहासिक और पैतृक अधिकार मानते हैं। यह सरकार द्वारा विरोध किया जाता है। साथ ही, घाटियों में रहने वाले मैतेई नाराज हैं क्योंकि उन्हें पहाड़ी क्षेत्रों में बसने या जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है, जबकि आदिवासी लोग घाटियों में जमीन खरीद सकते हैं। कौन है मतई लोग ? मणिपुर में मैतई समुदाय उनकी आबादी राज्य की कुल आबादी की 64.6 फीसदी है। राज्य में मैतई समुदाय के 90 फीसदी लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। ये लोग मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। यह लोग हिंदू धर्म को मानते हैं और उनका मानना है कि 17वीं और 18वीं सदी में उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया था।
क्या है सेंगोल ? सेंगोल पांच फ़ीट लम्बा चांदी से निर्मित और सोने का लेप चढ़ाया हुआ दंड आठवीं सदी के बाद से 800 वर्षों तक चोल साम्राज्य में सत्ता हस्तांतरण इसी से होता था। सी राजगोपलाचारी के सुझाव के बाद इसे फिर से तैयार करवाया गया इसके शीर्ष पर न्याय के रक्षक और प्रतीक नंदी बने हुए हैं। वैदिक विधि विधान के साथ माउंटबेटन से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था। बाद में इसे इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया। 28मई को नए संसद भवन में उद्घाटन के दिन इसे प्रधानमंत्री तमिल पुरोहितों से एक बार फिर इसे स्वीकार करेंगे और संसद में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जायेगा।
क्या है संसद उद्घाटन विवाद ? नए संसद का उद्घाटन 28 मई को होना। उद्घाटन को लेकर विवाद सामने आज्ञा है। नए संसद का उद्घाटन किसे करना चाहिए विवाद इसी बात को लेकर लोकसभा स्पीकर ने प्रधानमन्त्री को न्योता दिया है। इसको लेकर विपक्ष स्वीकार नहीं कर रहा है उनका कहना है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए और कुछ लोगों का मानना है संसद का उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए क्यूंकि को लोकसभ स्पीकर लोक सभा के अध्यक्ष होते हैं इसलिए उन्हें ही संसद का उद्घाटन करना चाहिए। नए संसद का शिलान्यास कब क्या गया था ? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2022 को भारत की संसद की नई इमारत का शिलान्यास किया गया। नए संसद का निर्माण कहाँ हो रहा ? नया संसद भवन मौजूदा संसद भवन के पास ही बनना प्रस्तावित है। ये एक तिकोनी इमारत होगी जबकि मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है। नए संसद का निर्माण क्यों किया जा रहा है ? सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की ज़रूरत महसूस की गई. अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 100 वर्ष (93 वर्ष) पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है। क्या है नए संसद की विशेषताएं ? संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी। वहीं उच्च सदन राज्य सभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे। ऐसा भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है। भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं। नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहाँ 1272 सदस्य बैठ सकेंगे। भारतीय संसद के बारे में प्रमुख तथ्य भारतीय संसद भारत गणराज्य का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों: राज्य सभा और लोक सभा से बना एक द्विसदनीय विधानसभा है। संसदीय प्रणाली में राष्ट्रपति को विधायिका के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका में संसद के सदन को बुलाने और सत्रावसान करने या लोकसभा को भंग करने की पूरी शक्ति है। राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग प्रधानमन्त्री और उनकी केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् की परामर्शानुसार करते हैं। संसद के किसी भी सदन के लिए राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित या मनोनीत लोगों और मंत्रियों को संसद सदस्य कहा जाता है। संसद, लोक सभा के सदस्य एकल सदस्यीय जिलों में भारतीय जनता के मतदान द्वारा सीधे चुने जाते हैं। राज्य सभा सभी राज्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधान द्वारा चुने जाते हैं। संसद में लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 की स्वीकृत संख्या है, जिसमें साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता से 12 नामांकित व्यक्ति शामिल हैं। संसद नई दिल्ली में संसद भवन में मिलती है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए सीधे प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या 550 है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें अधिकतम सदस्य संख्या 250 है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन/मनोनयन 6 वर्ष के लिए होता है। जिसके 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते रहते हैं। संसदीय प्रणाली में वर्तमान मे लोकसभा के सदस्यों की संख्या 543 है तथा राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। भारतीय संसद का निर्माण : हमारे देश संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और यह 1927 में पूरा हुआ और फरवरी 1921 में एचआरएच प्रिंस आर्थर, ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न द्वारा आधारशिला रखी गई थी। इस इमारत को पूरा करने में पांच साल लग गए। संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण 1921 और 1927 के बीच किया गया था। भारत सरकार की नयी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में संसद के लिए एक इमारत वर्तमान इमारत के ठीक सामने बनकर तैयार है जिसका उद्धघाटन 28 मई को होना है । नयी विल्डिंग 2019 में, भारत सरकार ने रायसीना हिल, नई दिल्ली के पास भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र, सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए एक बहु–अरब डॉलर की परियोजना सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना शुरू की । एक नए संसद भवन का निर्माण सचिवालय में सभी सदस्यों के लिए आवास भी बनाया जायेगा। नए भवन के लिए अक्टूबर 2020 में आयोजित किया गया था और 10 दिसंबर 2020 को आधारशिला रखी गई थी।
International Booker Prize 2023 Georgi Gospodinov and Angela Rodel have won the International Booker Prize 2023 for the novel Time Shelter. Bulgarian author Angela Rodel has won the International Booker Prize. This award has been given to him for his novel “Time Shelter”. An amount of 50 thousand pounds is given … Read more
Conflict in Sudan Sudan’s paramilitary force ‘Rapid Support Force’ ie RSF and the army there are fighting face to face. The conflict is estimated to have killed 100 civilians and injured around 1,100 so far. According to the latest information, this struggle is now spreading to … Read more
Violence in Manipur The violence began on 3 May after Manipur organized solidarity marches in all districts protesting the Manipur High Court’s order, which had asked the … Read more