DAILY CURRENT AFFAIRS in Hindi –23 September 2024
TOPICS
1.WOLF DOG
2.क्वाड ( QUAD ) समित 2024
3.बांग्लादेश और पाकिस्तान के मध्य बढ़ती नजदीकियां
4.मानसून वापसी पर उत्तर भारत में अधिक वर्षा
5.कैटविंसलेट
6.23 सितंबर दिन और रात का बराबर होना
7. Location In NEWS – Lebnon
वोल्फ डॉग
वोल्फ डॉग भेड़िया कुत्ता आपको यह नाम बड़ा विचित्र सा लग रहा होगा लेकिन आज की यह सच्चाई है। महाराष्ट्र में एक ऐसे जानवर को देखा गया है जो जंगली कुत्ते और भेड़िया का मिश्रण है यह ना तो पूर्ण रूप से कुत्ता है और ना ही भेड़िया है यह दोनों का हाइब्रिड मिश्रण है। जहां इसे देखा गया है वहां घास के मैदान है और इन मैदाने पर भेड़ियों को घूमते हुए देखा गया है।
शोधकर्ताओं ने यह हाइब्रिड जानवर के बारे में जानकारी दी है यह आकार में थोड़ी छोटे एवं पतले होते हैं ,आगे के अध्ययन के लिए इनका बाल एवं मल एकत्रित करना आवश्यक था लेकिन यह इतना आसान नहीं है।
आमतौर पर जहां इंसान होते हैं वहां भेड़िया भी रहते हैं लेकिन यह इंसानों से बचते हैं इस प्रकार के जानवर के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने पर पता चला है की यह जानवर आवारा कुत्ते एवं भेड़िए का हाइब्रिड है यह ऐसा भारत में पहली बार देखा गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है जब किसी क्षेत्र में भेड़िया की आबादी घटती है तो उन्हें पार्टनर नहीं मिलते हैं और वह कुत्तों के साथ संबंध बनाते हैं लेकिन यह भेड़ियों को खतरे में डाल सकता है जिससे भविष्य में भेड़ियों की प्रजाति नष्ट हो सकती है।
भारत में भेड़ियों की दो प्रजातियां हैं हिमालय भेड़िया एवं इंडियन ग्रे भेड़िया यह दोनों प्रजातियां दक्षिण भारत में पाई जाती हैं। इंडियन ग्रे भेड़िया भारत की प्राचीनतम प्रजातियों में से हैं अब यह खतरे में है , इसलिए इनका संरक्षण आवश्यक है।
भेड़ियों को खतरा क्यों
भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और बढ़ती हुई जनसंख्या आसपास के प्राकृतिक क्षेत्र को अपना शिकार बना रही है जिससे भेड़ियों की प्राकृतिक आवास बड़ी तेजी से खत्म हो रहे हैं। साथ ही जहां पर जनसंख्या निवास करती है वहां पर आवारा कुत्ते भी होते हैं और यह आवारा कुत्ते भेड़ियों के प्रिय भोजन खरगोश को भी समाप्त कर रहे हैं।
कुत्तों में रेबीज जैसी बीमारियां होती हैं और वह भेड़ियों तक पहुंच जाती हैं जिससे भेड़ियों को खतरा हो सकता है। भारत में बाघ संरक्षण के लिए नियम बनाए गए हैं , हाथी जैसे जानवरों की संरक्षण के लिए बनाए गए हैं और भी कई प्रकार के वन्य जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए नियम कानून बनाए गए हैं लेकिन भेड़ियों के लिए अभी तक कोई ऐसा कानून नहीं बनाया है।
भारत में भेड़ियों की संख्या 2000 से लगभग 3000 है जितनी कि बाघों की बराबर है भेड़िया एक ऐसा जानवर है जो संरक्षित क्षेत्र की बहार भी पाया जाता है जिसके कारण उनका सामना इंसान से होता है और जो इंसान और भेड़ियों दोनों के लिए सुरक्षित नहीं है।भेड़ियों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा उपाय है कि उन्हें एक प्राकृतिक प्रदेश प्रदान किया जाए अर्थात उनके प्राकृतिक आवासों से मानवीय आदिवासियों को दूर रखा जाए।
2.क्वाड ( QUAD ) समित 2024
क्वाड ( QUAD ) संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक रणनीतिक मंच है जिसे हिंदी में चतुर्भुज सुरक्षा संवाद भी कहा जाता है। क्वॉड की स्थापना विश्व में आर्थिक विकास, सूचना प्रदान करना विश्व शांति जैसे मुद्दों पर आपकी सहमति बनाने के लिए किया गया था।
क्वॉड का प्रारंभ 2007 में जापान में प्रधानमंत्री शिनजेआबे , अमेरिका के उपराष्ट्रपति दिक् चेनी , ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सहयोग से हुआ था। क्वॉड में उत्तरी अमेरिका का एक देश संयुक्त राज्य अमेरिका, एशिया के दो देश भारत एवं जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। अभी हाल में क्वॉड की बैठक संयुक्त राज्य अमेरिका में हो रही है। पहले यह बैठक भारत में होनी थी किसी कारण से भारत से हटकर इस मीटिंग को संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया है। भारतीय प्रधानमंत्री तीन दिवसीय दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए हैं।
क्वॉड समित 2024
क्वॉड समित 2024 संयुक्त राज्य अमेरिका के विलमिगटन में हो रहा है पहले यह सम्मिट भारत में होना था लेकिन इसे भारत में भारत से हटकर संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया है। क्वॉड का 2025 का समिट भारत में आयोजित किया जाएगा।
अमेरिका में हो रहे समिट में ऑस्ट्रेलिया जापान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्र अध्यक्षों ने भाग लिया। भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि हम संपूर्ण देश में एवं विश्व में मिलकर सुरक्षा, समावेशी विकास और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं और साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी यह इच्छा है कि अगला क्वॉड समित 2025 भारत में आयोजित किया जाए।
क्वाड ( QUAD ) के प्रमुख मुद्दे
क्वॉड समिट में दक्षिणी चीन सागर विवाद भी बात हुई आतंकवादी और आतंकवाद और हिंसा की भी निंदा की गई। यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई और साथ में उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों की भी निंदा की गई।
3.बांग्लादेश और पाकिस्तान के मध्य बढ़ती नजदीकियां
बांग्लादेश और पाकिस्तान का संबंध हमेशा से एक संवेदनशील विषय रहा है। विभाजन से पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ही भारत का अंग थे 1947 के बाद पाकिस्तान दो भागों में अलग हो गया पश्चिमी पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान। 1970 के दशक में बांग्लादेश अलग देश बन गया तब से पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों में उतार-चढ़ाव देखे हैं , शेख हसीना की सरकार के समय पाकिस्तान बांग्लादेश से बहुत अच्छे संबंध नहीं रहे लेकिन शेख हसीना की सत्ता अपदस्त होने के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के मध्य संबंधों में नजदीकियां देखि जा रही हैं।
11 सितंबर को बांग्लादेश के एक संगठन ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की वर्षी मनाई जिसे दोनों देशों के मध्य एक सकारात्मक रवैया विकसित हुआ। बांग्लादेश पर अब तक आरोप लगाते रहे हैं कि बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ संबंध भारत की नजरिया से देखता रहा है लेकिन अब स्थिति बदल गई है दोनों देश पास आ रहे हैं।
पाकिस्तान और बांग्ला देश के मध्य आर्थिक संबंध
पाकिस्तान ट्रेड डेवलपमेंट अथॉरिटी वेबसाइट के अनुसार पाकिस्तान ने भारत में चमड़े टेक्सटाइल गारमेंट के क्षेत्र में निवेश किया है। बांग्लादेश से कपास कपड़ा केमिकल खनिज बिजली एवं मशीनरी आदि का सामान आयात करता है, जबकि पाकिस्तान बांग्लादेश से पटसन एवं उससे बना सामान कृत्रिम फाइबर और मेडिकल सामान आयात करता है।
बांग्लादेश के सरकारी आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश ने पाकिस्तान को 60 करोड़ 33 डॉलर से ज्यादा का सामान निर्यात किया है। वहीं पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 65 करोड़ 50 लाख डॉलर का सामान निर्यात किया है। बांग्लादेश पाकिस्तान के आयात पर निर्भर करता है इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के लिए बांग्लादेश में अच्छा व्यापारिक भविष्य है। पाकिस्तान ने कहा है वह बांग्लादेश में व्यापार कृषि ऊर्जा सहयोग करेगा।
भारत के लिए चिंता
पाकिस्तान ने बांग्लादेश के नागरिकों के लिए वीजा फीस समाप्त कर दी है जिससे सीधी उड़ान आसान होगी बांग्लादेश भारत से तीन ओर से घिरा है इसलिए यह भारत से अपने संबंधों को हमेशा अच्छे बनाए रखने के पक्ष में रहा है दूसरा कारण यह भी है कि पाकिस्तान से अधिक नजदीकियां भारत को पसंद नहीं रही हैं इसलिए अब तक पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध भारत से प्रभावित रहे हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते संबंधों से भारत पर बहुत फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन फिर भी इन संबंधों को अनदेखा नहीं किया जा सकता क्योंकि भारत और पाकिस्तान और बांग्लादेश संस्कृत रूप से आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं
4.मानसून वापसी पर उत्तर भारत में अधिक वर्षा
भारत में मानसून का आगमन जून के प्रथम सप्ताह में होता है। भारत में मानसून केरल से प्रवेश करता है और मानसून की वापसी सितंबर माह से होने लगते हैं। भारत में संपूर्ण वर्ष का 90% मानसून द्वारा होता है। भारत पर मानसून का इतना प्रभाव है कि भारतीय जलवायु को मानसूनी जलवायु भी कहा जाता है।
आपने देखा होगा सितंबर में उत्तर भारत में अधिक वर्षा होती है और अधिक समय तक होती है लंबे समय तक होती रहती है। जिसका क्या कारण है लिए हम इसको जानने का प्रयास करते हैं सितंबर में मानसून की वापसी प्रारंभ हो जाती है या नहीं अगस्त के अंत तक संपूर्ण भारत में मानसून पहुंच चुका होता है अर्थात संपूर्ण उत्तर भारत में आद्रता होती है। सितंबर में उत्तर भारत में तापमान में कमी आती है और यह तापमान में कमी उसे संघनन क्रिया को अधिक बढ़ा देती है अर्थात वायुमंडल में जो भी आद्रता है या वाष्प है या नमी है वह बार-बार संघनित होती है जिसके कारण बार-बार वर्षा होती है।
उत्तर भारत में सितंबर के बाद कोरे एवं धुंध जैसी स्थिति विकसित होती है। जिसकी कारण भी तापमान में कमी से संघनन में वृद्धि का होना है। यह प्रक्रिया अक्टूबर नवंबर में दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण जैसे स्थितियों के लिए जिम्मेदार होती है।
लौटते हुए मानसून के समय नवंबर दिसंबर में तमिलनाडु में अधिक वर्षा होती है। तमिलनाडु एक वृष्टि छाया प्रदेश है ,भारत जब मानसून आता है तब तमिलनाडु में वर्षा नहीं होती है तमिलनाडु वर्षा लौटते हुए मानसून के अंतिम समय में होती है इसे पूर्वोत्तर मानसून भी कहा जाता है।
5.कैटविंसलेट
केट विंसलेट को कौन नहीं जानता, हॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री हैं। केट विंसलेट ने टाइटेनिक फिल्म से ख्याति हासिल की है। कैट विंसलेट 17 साल की उम्र से ही हॉलीवुड में काम कर रही हैं। केट एलिजाबेथ विंसलेट एक अंग्रेजी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी शानदार अभिनय क्षमता के लिए दुनिया भर में प्रशंसा प्राप्त की है। उन्हें विशेष रूप से 1997 की महाकाव्य रोमांस फिल्म टाइटैनिक में रोज की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। कैट विंसलेट की कामयाबी का सफर इतना आसान नहीं रहा। फिल्मों में काम न मिलने पर या फिल्मों में काम करने से पहले कैट विंसलेट बार में काम किया करती थी।
सन 1997 में रिलीज हुई थी टाइटेनिक फिल्म ने कैट विंसलेट को एक नई पहचान दिलाई। अभी सितंबर 2024 में चर्चा का प्रमुख कारण उनकी आने वाली फिल्म ली है जो 27 सितंबर को रिलीज होने वाली है।
2015 में एक व्यक्ति ने कैट विंसलेट को फोटोग्राफर ली मिलर की एक टेबल दिखाई थी। ली मिलर ने दूसरे विश्व युद्ध में पेरिस की लड़ाई को अपने कैमरे में कैद किया था। 8 साल बाद कैट विंसलेट में ली मिलर की कहानी को एक फिल्म के माध्यम से पेश करने का इरादा किया। फिल्म में ली मिलर की भूमिका स्वयं कैट विंसलेट निभाएंगी।
कैट विंसलेट ने दो बार शादी की है पहले विवाह से उन्हें एक बेटा और एक बेटी है , ऐसा कहा जाता है कि इतनी मशहूर होने के बाद भी अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने स्वयं जाती थी। कैट विंसलेट को छह बार ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है। फिल्मी करियर में कभी-कभी फिल्म ना मिलने पर उन्हें वार में काम करना पड़ता था।
6.23 सितंबर दिन और रात का बराबर होना
पृथ्वी पर 23 सितंबर को दिन और रात की अवधि एक समान होती है अर्थात 12 घंटे का दिन एवं 12 घंटे की रात होती है। संपूर्ण पृथ्वी पर दिन और रात एक समान हो वर्ष में ऐसी स्थिति केवल दो बार आती है एक 21 मार्च और 23 सितंबर को।
21 मार्च और 23 सितंबर को ही संपूर्ण पृथ्वी पर दिन और रात बराबर क्यों होते हैं जानने के लिए हमें सूर्य की स्थिति पृथ्वी पर समझनी होगी। पृथ्वी पर दिन और रात की अवधि में परिवर्तन के लिए पृथ्वी का घूर्णन करते हुए सूर्य की परिक्रमा करना है, अर्थात पृथ्वी पर दिन रात की अवधि के लिए पृथ्वी का परिक्रमण जिम्मेदार है।
आप और हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष पर 23. 50 डिग्री झुकी हुई है और यह पश्चिम से पूर्व घूर्णन करती है और साथ ही घूर्णन करते हुए 365 दिन में यानी 1 वर्ष में यह सूर्य की परिक्रमा पूर्ण करती है।सूर्य की परिक्रमा पूर्ण करने में पृथ्वी पर सूर्य की स्थिति बदलती रहती है। वर्ष में दो बार ऐसे समय आते हैं जब सूर्य पृथ्वी के मध्य अर्थात भूमध्य रेखा पर लंबवत होता है। 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य का भूमध्य रेखा पर लंबवत होने के कारण ही वर्ष में पृथ्वी पर दो बार 12 घंटे के दिन 12 घंटे की रात होती है अर्थात दिन और रात एक समान होते हैं।
संपूर्ण पृथ्वी पर भूमध्य रेखा , कर्क रेखा, मकर रेखा, आर्कटिक वृत अंटार्कटिक वृत चार मुख्य काल्पनिक प्रमुख अक्षांश है।
कर्क रेखा उत्तरी अक्षांश में 23. 50 डिग्री डिग्री पर है और मकर रेखा दक्षिणी गोलार्ध में 23. 50 डिग्री अक्षांश पर है
कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है , यह भारत के आठ राज्यों से गुजरती है कारक 21 जून को लंबवत होता है ,अर्थात भारत में सबसे बड़ा दिन 21 जून को होता है और मकर रेखा पर सूर्य 22 दिसंबर को लंबबत चमकता है. मकर रेखा पर सूर्य की लम्बवत चमकने के कारण भारत में सबसे ठंडा एवं सबसे छोटा दिन22 दिसंबर को होता है।
6 महीने का दिन 6 महीने की रात्रि होने का कारण
पृथ्वी पर दो ध्रुव पाए जाते हैं , उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव। उत्तरी ध्रुव को आर्कटिक वृत कहा जाता है एवं दक्षिणी ध्रुव को अंटार्कटिक वृत कहा जाता है। 21 मार्च से 23 सितंबर तक आर्कटिक वृत पर दिन की अवधि होती है और 23 सितंबर से 21 मार्च आर्कटिक वृत पर रात्रि की अवधि होती है , अर्थात जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध में होता है तो आर्कटिक वृत पर दिन होता है और जब सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है तो आर्कटिक पर रात्रि होती है यही स्थिति अंटार्कटिक वृत में होती है।
Map Study
लेबनान
लेबनान पश्चिम एशिया का एक तटवर्ती देश है। यह लेवांट क्षेत्र के अंतर्गत आता है। लेबनान की राजधानी बेरुत है। लेबनान का आधिकारिक नाम द रिपब्लिक ऑफ़ लेबनान है। लेबनान की सीमाएं सीरिया, इजराइल एवं भूमध्य सागर को स्पर्श करते हैं। लेबनान की आधिकारिक भाषा अरबी है। लेबनान में 95% जनसंख्याअरबी बासी है। लेबनान की मुद्रा लेवानी पाउंड है।
लेबनान के प्रधानमंत्री नाजीव मिल्कत है। अभी लेबनान में राष्ट्रपति का पद खाली है अभी हाल में लेबनान काफी चर्चे में है क्योंकि लेबनान में इजरायल द्वारा बड़े पैमाने पर विस्फोट किए गए हैं जिसमें कई कई लेबनान लोगों की जान गई हैं। इजराइल द्वारा लेबनान में आतंकवादी संगठन पर हमले किए गए हैं। लेबनान में हिजबुल्ला नाम का आतंकवादी प्रमुख संगठन है जिसमें आए दिन लेबनान एवं इजराइल में संघर्ष होता रहता है।
लेबनान की जलवायु महासागरीय जलवायु है। यह मुस्लिम राष्ट्र है।