क्या है संसद उद्घाटन विवाद ?
क्या है संसद उद्घाटन विवाद ? नए संसद का उद्घाटन 28 मई को होना। उद्घाटन को लेकर विवाद सामने आज्ञा है। नए संसद का उद्घाटन किसे करना चाहिए विवाद इसी बात को लेकर लोकसभा स्पीकर ने प्रधानमन्त्री को न्योता दिया है। इसको लेकर विपक्ष स्वीकार नहीं कर रहा है उनका कहना है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए और कुछ लोगों का मानना है संसद का उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए क्यूंकि को लोकसभ स्पीकर लोक सभा के अध्यक्ष होते हैं इसलिए उन्हें ही संसद का उद्घाटन करना चाहिए। नए संसद का शिलान्यास कब क्या गया था ? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2022 को भारत की संसद की नई इमारत का शिलान्यास किया गया। नए संसद का निर्माण कहाँ हो रहा ? नया संसद भवन मौजूदा संसद भवन के पास ही बनना प्रस्तावित है। ये एक तिकोनी इमारत होगी जबकि मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है। नए संसद का निर्माण क्यों किया जा रहा है ? सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की ज़रूरत महसूस की गई. अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 100 वर्ष (93 वर्ष) पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है। क्या है नए संसद की विशेषताएं ? संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी। वहीं उच्च सदन राज्य सभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे। ऐसा भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है। भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं। नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहाँ 1272 सदस्य बैठ सकेंगे। भारतीय संसद के बारे में प्रमुख तथ्य भारतीय संसद भारत गणराज्य का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारत के राष्ट्रपति और दो सदनों: राज्य सभा और लोक सभा से बना एक द्विसदनीय विधानसभा है। संसदीय प्रणाली में राष्ट्रपति को विधायिका के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका में संसद के सदन को बुलाने और सत्रावसान करने या लोकसभा को भंग करने की पूरी शक्ति है। राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग प्रधानमन्त्री और उनकी केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् की परामर्शानुसार करते हैं। संसद के किसी भी सदन के लिए राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित या मनोनीत लोगों और मंत्रियों को संसद सदस्य कहा जाता है। संसद, लोक सभा के सदस्य एकल सदस्यीय जिलों में भारतीय जनता के मतदान द्वारा सीधे चुने जाते हैं। राज्य सभा सभी राज्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधान द्वारा चुने जाते हैं। संसद में लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 की स्वीकृत संख्या है, जिसमें साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता से 12 नामांकित व्यक्ति शामिल हैं। संसद नई दिल्ली में संसद भवन में मिलती है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए सीधे प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या 550 है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें अधिकतम सदस्य संख्या 250 है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन/मनोनयन 6 वर्ष के लिए होता है। जिसके 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते रहते हैं। संसदीय प्रणाली में वर्तमान मे लोकसभा के सदस्यों की संख्या 543 है तथा राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। भारतीय संसद का निर्माण : हमारे देश संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और यह 1927 में पूरा हुआ और फरवरी 1921 में एचआरएच प्रिंस आर्थर, ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न द्वारा आधारशिला रखी गई थी। इस इमारत को पूरा करने में पांच साल लग गए। संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण 1921 और 1927 के बीच किया गया था। भारत सरकार की नयी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में संसद के लिए एक इमारत वर्तमान इमारत के ठीक सामने बनकर तैयार है जिसका उद्धघाटन 28 मई को होना है । नयी विल्डिंग 2019 में, भारत सरकार ने रायसीना हिल, नई दिल्ली के पास भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र, सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए एक बहु–अरब डॉलर की परियोजना सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना शुरू की । एक नए संसद भवन का निर्माण सचिवालय में सभी सदस्यों के लिए आवास भी बनाया जायेगा। नए भवन के लिए अक्टूबर 2020 में आयोजित किया गया था और 10 दिसंबर 2020 को आधारशिला रखी गई थी।