दैनिक समसामयिकी 21 जुलाई  2023

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1.फीफा महिला विश्‍व कप

2.भारत का सर्वोच्च न्यायालय

1.फीफा महिला विश्व कप

फीफा महिला विश्व कप महिलाओं के लिए विश्व फुटबॉल चैंपियनशिप है, जो हर चार साल में आयोजित होती है. यह टूर्नामेंट फीफा द्वारा आयोजित किया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल का शासी निकाय है. फीफा महिला विश्व कप सबसे लोकप्रिय महिला खेल आयोजनों में से एक है, और 2019 संस्करण में 1.12 बिलियन से अधिक दर्शकों ने इसे देखा.

फीफा महिला विश्व कप का पहला संस्करण 1991 में चीन में आयोजित किया गया था. 1995 से, टूर्नामेंट को हर चार साल में आयोजित किया जाता है. 2023 संस्करण ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित किया जाएगा.

फीफा महिला विश्व कप में 32 टीमें भाग लेती हैं. 24 टीमें क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के माध्यम से टूर्नामेंट में प्रवेश करती हैं, और शेष आठ टीमें मेजबान देशों के रूप में स्वचालित रूप से योग्य होती हैं.

फीफा महिला विश्व कप एक राउंड-रॉबिन लीग चरण के साथ शुरू होता है, जिसमें प्रत्येक टीम अपने समूह के अन्य तीन टीमों के साथ एक मैच खेलती है. लीग चरण के बाद, शीर्ष दो टीमें प्रत्येक समूह से नॉकआउट चरण में आगे बढ़ती हैं. नॉकआउट चरण में, टीमें क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में खेलती हैं.

फीफा महिला विश्व कप का फाइनल मैच टूर्नामेंट का सबसे महत्वपूर्ण मैच है. फाइनल मैच के विजेता को फीफा महिला विश्व कप का चैंपियन कहा जाता है.

अब तक, फीफा महिला विश्व कप को चार देशों ने जीता है: संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, नॉर्वे और चीन. संयुक्त राज्य अमेरिका टूर्नामेंट का सबसे सफल देश है, जिसने चार बार खिताब जीता है.

फीफा महिला विश्व कप महिला फुटबॉल के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह टूर्नामेंट महिला फुटबॉल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देता है, और यह महिला खिलाड़ियों को प्रेरित करता है.

सर्वश्रेष्ठ भारतीय महिला फुटबॉलरों की सूची

  • ओइनाम बेम्बेम देवी को भारतीय महिला फुटबॉल में एक जीवित किंवदंती माना जाता है। वह राष्ट्रीय टीम का सदस्य 20 से अधिक वर्षों से है और उसने कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री शामिल हैं।
  • बाला देवी पहली भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक विदेशी क्लब के साथ पेशेवर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। वह वर्तमान में स्कॉटिश क्लब रेंजर्स एफसी के लिए खेलती हैं।
  • अशलता देवी भारत के सबसे बेहतरीन डिफेंडरों में से एक हैं। वह 2019 से राष्ट्रीय टीम की कप्तान हैं और उन्होंने टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं।
  • डंगमेई ग्रेस भारतीय महिला फुटबॉल में सबसे रोमांचक खिलाड़ियों में से एक हैं। वह अपनी गति और ड्रिबलिंग कौशल के लिए जानी जाती हैं।
  • रतनबाला देवी भारत की सबसे आक्रामक और सकारात्मक महिला फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके पास शानदार गोल करने का रिकॉर्ड है और वह राष्ट्रीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।

2.भारत का सर्वोच्च न्यायालय


भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायालय है. यह भारत सरकार के संसद भवन के पास नई दिल्ली में स्थित है. सर्वोच्च न्यायालय का गठन 28 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत किया गया था. सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 34 अन्य न्यायाधीश होते हैं. मुख्य न्यायाधीश को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, जबकि अन्य न्यायाधीशों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है.

सर्वोच्च न्यायालय का कार्य भारत के संविधान के प्रावधानों की व्याख्या करना और उनका पालन करना है. सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र मूल और अपीलीय दोनों है. मूल अधिकार क्षेत्र में ऐसे मामले शामिल हैं जो भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. अपीलीय अधिकार क्षेत्र में ऐसे मामले शामिल हैं जो उच्च न्यायालयों के निर्णयों से अपील करते हैं. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सभी निचली अदालतों के लिए बाध्यकारी है.

कार्य

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कार्य इस प्रकार हैं:

  • संविधान के प्रावधानों की व्याख्या और उन्हें लागू करना
  • संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की जांच करना
  • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विवादों को सुलझाना
  • केंद्र और राज्य सरकारों और नागरिकों के बीच विवादों को सुलझाना
  • मौलिक अधिकारों की रक्षा करना
  • उच्च न्यायालयों के फैसलों से अपील सुनना
  • संविधान के संशोधन के लिए सलाह देना

अधिकार क्षेत्र

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 125 के तहत, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र इस प्रकार हैं:

  • मूल अधिकार क्षेत्र
  • अपीलीय अधिकार क्षेत्र
  • सलाहकार अधिकार क्षेत्र

मूल अधिकार क्षेत्र

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित मामले शामिल हैं:

  • संविधान के प्रावधानों की व्याख्या के मामले
  • संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की जांच के मामले
  • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विवादों के मामले
  • केंद्र और राज्य सरकारों और नागरिकों के बीच विवादों के मामले
  • मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले

अपीलीय अधिकार क्षेत्र

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित मामले शामिल हैं:

  • उच्च न्यायालयों के निर्णयों से अपील
  • केंद्र और राज्य सरकारों और नागरिकों के बीच विवादों के मामले
  • मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले

सलाहकार अधिकार क्षेत्र

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सलाहकार अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित मामले शामिल हैं:

  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा किए गए अनुरोध के मामले
  • भारत के संसद द्वारा किए गए अनुरोध के मामले
  • भारत के राज्य विधानसभाओं द्वारा किए गए अनुरोध के मामले

प्रमुख निर्णय

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के संविधान के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए और उनका पालन करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं. इन निर्णयों में शामिल हैं:

  • केरल शिक्षा विधेयक, 1958: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केरल शिक्षा विधेयक, जो व्यावसायिक कॉलेजों में सीटों के 50% आरक्षण का प्रयास करता था, असंवैधानिक था.
  • मनेक गांधी बनाम भारत संघ: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार, जो संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित है, इसमें स्वतंत्रता से यात्रा करने का अधिकार शामिल है.
  • एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रपति को राज्य सरकारों को बर्खास्त करने की शक्ति, जो संविधान के अनुच्छेद 356 में निहित है, असीमित नहीं है, और राष्ट्रपति को ऐसा करने के लिए उचित कारण होने चाहिए.
  • नारीमन बनाम भारत संघ: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) असंवैधानिक था, और सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधी

3.कच्चातिवु विवाद

कच्चातिवु द्वीप भारत के तमिलनाडु राज्य के तट से लगभग 1.6 नॉटिकल मील (3.0 किमी; 1.9 मील) दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित है. यह द्वीप लगभग 1.5 वर्ग किलोमीटर (0.6 वर्ग मील) के क्षेत्रफल में फैला है और इसकी जनसंख्या लगभग 2,000 लोगों की है.

कच्चातिवु द्वीप एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान पर स्थित है. यह द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाता है. यह द्वीप भारत के तमिलनाडु राज्य के तट से भी बहुत करीब है, जो इसे एक महत्वपूर्ण सैन्य लक्ष्य बनाता है.

कच्चातिवु द्वीप एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र भी है. यह द्वीप एक महत्वपूर्ण मछली पकड़ने का केंद्र है और इसमें एक छोटा तेल रिफाइनरी भी है.

कच्चातिवु विवाद भारत और श्रीलंका के बीच एक लंबे समय से चल रहा विवाद है. यह विवाद कच्चातिवु द्वीप के स्वामित्व को लेकर है. कच्चातिवु द्वीप भारत के तमिलनाडु राज्य के तट से लगभग 1.6 नॉटिकल मील (3.0 किमी; 1.9 मील) दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित है. यह द्वीप लगभग 1.5 वर्ग किलोमीटर (0.6 वर्ग मील) के क्षेत्रफल में फैला है और इसकी जनसंख्या लगभग 2,000 लोगों की है.

कच्चातिवु विवाद का इतिहास 19वीं शताब्दी में शुरू होता है. 1817 में, ब्रिटिश सरकार ने द्वीप को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को 99 साल के लिए पट्टे पर दिया था. पट्टा 1916 में समाप्त हो गया, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इसे नवीनीकृत नहीं किया. इसके बजाय, ब्रिटिश सरकार ने एकतरफा रूप से द्वीप को 1974 में श्रीलंका को सौंप दिया.

भारत ने कभी भी कच्चातिवु के द्वीप को श्रीलंका को सौंपने को स्वीकार नहीं किया है. भारत का तर्क है कि द्वीप भारत का अभिन्न अंग है और 1974 का समझौता अवैध है. भारत ने कच्चातिवु के द्वीप को वापस लेने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन श्रीलंका ने इन प्रयासों को खारिज कर दिया है.

कच्चातिवु विवाद भारत और श्रीलंका के बीच तनाव का एक प्रमुख स्रोत है. दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत हुई है, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया है.

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