06 APRIL CURRENT AFFAIRS

6 March 2023  VIBHALIKA IAS CURRENT AFFAIRS

1.समुद्री जागरूकता वॉकथॉन क्या है ?

2.गज उत्सव

3.काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

4.पद्म पुरस्कार

5.संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग


समुद्री जागरूकता वॉकथॉन क्या है ?

5 अप्रैल 2023 को भारत सरकार द्वारा 60 वां राष्ट्रीय समुद्री मनाया गया। इसी के उपलक्ष्य में दिल्ली में समुद्री जागरूकता वॉकथॉन की शुरुआत की गयी।

समुद्री जागरूकता वॉकथॉन का उद्देश्य

1. समुद्री सेक्टर से जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद करना है।

2. जनसामान्य का जहाजरानी के प्रति जागरूक करना।

3 जहाजरानी राष्ट्र के विकास की जीवन रेखा है।

4 समुद्री अवसंरचना का विकास करना

5 इस अवसर पर महिला नाविकों के

योगदान के लिए धन्यवाद दिया गया।

समुद्री दिवस क्यों मनाया जाता है ?

किसी भी दिवस को मनाने का उद्देश्य उसके महत्व को समझना और जान सामान्य को उसके महत्व के प्रति जागरूक करना होता है। हम अमृतकाल में पहला राष्ट्रीय समुद्री दिवस मना रहे हैं। पहली बार 5 अप्रैल 1919 में भारतीय कम्पनी सिंधिया स्टीम नेविगेशन कम्पनी लिमिटिड का एस एस लॉयलटी नामक जहाज व्यापार करने के लिए भारत से लंदन गया। इसी के स्मरण में बंदरगाह जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को समुद्री दिवस के रूप में मनाता है।

 समुद्री क्षेत्र से सम्वन्धित  परीक्षा उपयोगी तथ्य :

1.भारत के प्रमुख बंदरगाह

2.EEZ क्या है ?

3.भारत के तटीय राज्य

4.नीली क्रांति क्या है ?

5.विश्व के आकार के अनुसार महासागर

6. सगरमाला प्रोजेक्ट क्या है ?

 1.भारत के प्रमुख बंदरगाह

भारत एक लम्बी तटीय सीमा वाला देश है। भारत के समुद्री परिवहन भारत यानि केंद्र सरकार द्वारा संचालित होता है।

बंदरगाहों का नियंत्रण जलपोत मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य :

Ø  भारत के विदेशी व्यापार का 95 % भार और 70%कीमत का व्यापर समुद्री मार्ग दवरा किया जाता है।

Ø  भारत के 13 प्रमुख बंदरगाह और 205 छोटे बंदरगाह हैं।

Ø  6 अन्य बंदरगाह सागरमाला प्रोजेट के आधीन निर्माणाधीन हैं।

Ø  महाराष्ट्र में 53 गुजरात में 40 तमिलनाडु में 15 कर्नाटक में 10 बंदरगाह हैं।

Ø  कृष्णापत्तनम आँध्रप्रदेश का सबसे गहरा बंदरगाह है।

Ø  गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह भारत का सबसे व्यस्त बंदरगाह है।

Ø  महाराष्ट्र में मुंबई बंदरगाह भारत में सबसे बड़ा है

भारत के प्रमुख बंदरगाह एवं सम्वन्धित राज्य

भारत के 13 प्रमुख बंदरगाह हैं:

चेन्नई पोर्ट –                तमिलनाडु

कोच्चि बंदरगाह–       केरल

एन्नोर पोर्ट–                तमिलनाडु

कोलकाता पोर्ट         पश्चिम बंगाल

कांडला पोर्ट-,             गुजरात

मैंगलोर पोर्ट               कर्नाटक

मुंबई पोर्ट                   महाराष्ट्र

जवाहरलाल नेहरू पोर्ट    महाराष्ट्र

पारादीप पोर्ट                      ओडिशा

तूतीकोरिन बंदरगाह            तमिलनाडु

विशाखापत्तनम बंदरगाहआंध्र प्रदेश

पोर्ट ब्लेयर पोर्ट–                अंडमान और निकोबार पोर्ट

मर्मगाओ पोर्ट –                   गोवा

 2.EEZ या अनन्य आर्थिक क्षेत्र क्या होता है ?

EEZ आर्थिक क्षेत्र को लेकर 1982 में संयुक्त राष्ट्र ने एक अंतरराष्ट्रीय कानून बनाया था। इस कानून को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि, 1982 के नाम से जाना जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संधि है।

EEZ में देश के विशेष कानून लागू होते हैं। समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCLOS) के अनुसार, आर्थिक अनन्य क्षेत्र जमीनी सीमा से अलग एक समुद्री क्षेत्र है। इस इलाके में विशेष कानून लागू रहेगा। इसमें कानून लागू करने का अधिकार तटवर्ती देश को प्राप्त होगा। यह सीमा  3 से 12 समुद्री मील से 200 समुद्री मील तक फैली होती है। यह एक समुद्री मील में 1.852 किलोमीटर होता है। ऐसे में 200 समुद्री मील का मतलब 370.4 किलोमीटर की दूरी हुई। इस क्षेत्र में मछली पकड़ने, तेलगैस निकालने या दूसरे तरीकों से आर्थिक दोहन करने का अधिकार संबंधित देश को मिला होता है यह भारतीय राजनैतिक सीमा के अन्दर आता है।

प्रादेशिक समुद्री सीमाऔर EEZ कैसे एक दूसरे से अलग होते हैं ?

EEZ  का प्रदेश  किसी भी देश के प्रादेशिक समुद्र  से अलग होता है। भारत की प्रादेशिक समुद्री सीमा तट से 12 मील की दूरी तक स्थित है। इसके बाद अगले 200 किलोमीटर तक भारत का आर्थिक अनन्य क्षेत्र होगा। प्रादेशिक जल के बीच से सभी विदेशी जहाजों, पनडुब्बियों को इनोसेंट पैसेज के आधार पर घुसने का अधिकार होता है। इनोसेंट पैसेज का मतलब वह युद्धपोत, पनडुब्बी या व्यापारिक जहाज उस देश के लिए खतरा नहीं है।इस पर भारत का ही नियंत्रण है।

EEZ 0F INDIA

 3.भारत के तटीय राज्य

भारत की कुल तटीय सीमा लगभग 7,517 किलोमीटर है।  भारत में  नौ तटीय राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों की है। भारत का लगभग पूरा तट उष्ण कटिबंध के भीतर आता है।

 नौ तटीय राज्य

1.गुजरात

2. महाराष्ट्र

3. गोवा

4. कर्नाटक

5. केरल

6. तमिलनाडु

7.आंध्र प्रदेश

8.ओडिशा

9.पश्चिम बंगाल

4.नीली क्रांति क्या है ?

 नील क्रांति मिशन का उद्देश् देश तथा मछुआरों एवं मछली किसानों की आर्थिक समृद्धि प्राप् करना तथा जैव सुरक्षा एवं पर्यावरणीय सरोकारों को ध्यान में रखते हुए संपोषणीय ढंग से मछली पालन विकास के लिए जल संसाधनों की पूर्णक्षमता के उपयोग के माध्यम से खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में योगदान देना है।

नीली क्रांति के उद्देश्य निम्न प्रकार हैं।

(1) अंतर्देशीय तथा समुद्री क्षेत्रोंदोनों में देश की कुल मत्स्य उत्पादन की संभावना का पूर्ण रुप से दोहन करना है।

(2) नई प्रौद्योगिकियों तथा प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के साथसाथ मात्स्यिकी के क्षेत्र को एक आधुनिक उद्योग के रुप में परिवर्तन करना है

(3) कामर्स तथा अन्य प्रौद्योगिकियों और वैश्विक सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषों को शामिल करते हुए उत्पादकता बढ़ाने और फसलोत्तर बुनियादी सुविधाओं के बेहतर विपणन पर एक विशेष ध्यान केंद्रित करने के साथसाथ मछुआरों और मत्स्यकृषकों की आय को दोगुना करना है।

(4) आय की वृद्धि करने में मछुआरों और मत्स्य कृषकों की एकमात्र सहभागिता सुनिश्चित करना है।

(5) सहकारी समितियों, उत्पादक कम्पनियों और अन्य ढाँचों में संस्थागत क्रियाविधियों के माध्यमों को शामिल करते हुए मछुआरों और मत्स्यकृषकों को लाभों के प्रवाह पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सन् 2020 तक निर्यात की आय को तीन गुना करना है

(6) देश की खाद्य और पोषणसंबंधी सुरक्षा में वृद्धि करना है

 5.विश्व के आकार के अनुसार महासागर

आकार के आधार पर पांच महासागर प्रमुख हैं

1.प्रशांत महासागर

2.अटलांटिक महासागर

3.हिंद महासागर

4.दक्षिणी महासागर

 5.आर्कटिक महासागर

नोट : प्रशांत महासागर सबसे बड़ा महासागर है। यह पृथ्वी के एकतिहाई भाग पर फैला है।

सागर माला परियोजना

इस प्रोजेक्ट को मार्च 2015 को कैबिनेट ने भारत के 12 बंदरगाहों और 1208 द्वीप समूह को विकसित करने के लिए इस परियोजना को मंजूरी दी। परियोजना 31 जुलाई 2015 को कर्नाटक में नौवहन मंत्रालय द्वारा होटल ताज वेस्ट एंड, बैंगलोर में शुरू की गई थी

इस परियोजना का उद्देश्य भारत के 7,500 किलोमीटर लंबी तटीय समुद्र तट, 14,500 किलोमीटर की संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर रणनीतिक स्थान का उपयोग करके देश में बंदरगाह के विकास को बढ़ावा देना है।

इससे  बंदरगाहों को आधुनिक विश्वस्तरीय बंदरगाहों में रूपांतरित करने और सड़क, रेल, अंतर्देशीय और तटीय जलमार्गों के माध्यम से बंदरगाहों, औद्योगिक समूहों और दूरदराज के इलाकों और कुशल निकास प्रणालियों के विकास को एकीकृत करने की दिशा में दिख रहा है .                                     

गज उत्सव

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर असम पहुंचेंगी। राष्ट्रपति काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाएंगी। काजीरंगा में वे गज उत्सव का भी उद्घाटन करेंगी

गज उत्सव असम में मनाया जाता है। यह उत्सव 2023 का उद्घाटन 9 अप्रैल को असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाएगा। यह बहुत  महत्वपूर्ण है क्योंकि काजीरंगा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और दुनिया में बाघों के उच्चतम घनत्व भी असम में है

हम प्रोजेक्ट एलीफैंट (Project Elephant) की 30वीं वर्षगांठ को गज उत्सव 2023 के साथ मना रहे हैं। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य हाथियों के संरक्षण को बढ़ावा देना है और उनके आवास और गलियारों की रक्षा करना साथ ही  मानव-हाथी संघर्ष को रोकना है।

प्रोजेक्ट एलीफैंट का क्या महत्व है ?

भारत में प्रोजेक्ट एलीफैंट भारत में हाथियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए 1991-92 में शुरू की गई एक केंद्र की योजना है। 30,000-40,000 हाथियों की अनुमानित आबादी के साथ,भारत में वैश्विक जंगली हाथियों की आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। हाथियों को वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित एक

राष्ट्रीय विरासत पशु माना जाता है।

भारत में बाघ संरक्षण

प्रोजेक्ट टाइगर भारत में 1973 में शुरू किया गया  यह भारत में बाघ संरक्षण को बढ़ावा देता है। भारत के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.4 प्रतिशत बाघ अभयारण्यों से आच्छादित है, जो जैव विविधता संरक्षण के लिए भंडार के रूप में कार्य करते हैं। भारत में बाघों की वर्तमान आबादी लगभग 3,000 है, जो वैश्विक जंगली बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक है। भारत में बाघों की आबादी छह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है यह वैश्विक बाघ संरक्षण के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

काजीरंगा राष्‍ट्रीय उद्यान

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान  असम का राष्ट्रीय उद्यान है । इस उद्यान में भारतीय एक सींग वाले गैंडे  पाए जाते है। काजीरंगा को  1905 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। सर्दियों में यहाँ साइबेरिया से कई मेहमान पक्षी भी आते हैं।  इस दलदली भूमि का धीरे-धीरे ख़त्म होते जाना एक गंभीर समस्या है। काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के बाज, विभिन्न प्रजातियों की चीलें और तोते आदि भी पाये जाते हैं। यह जैवविधता पायी जाती है। 

पूर्वोत्तर भारत के अन्य नेशनल पार्क

काज़ीरंगा -असम 

मानस -असम 

नामेरी – असम 

नामदफा -अरुणाचल प्रदेश 

डिब्रू सैखौबा – असम 

नोकरेक – मेघालय 

ओरंग -असम 

केबुलामजाओ – मणिपुर 

सिरोही – मणिपुर 

मोइलिंग – अरुणाचल प्रदेश

Padma Awards

 पद्म अवार्ड का प्रारम्भ कब हुआ ?

 भारत में पद्म पुरस्कार देने की शुरुआत वर्ष 1954 में की गई थी। जिसके बाद वर्ष 1978 और 1979 और वर्ष 1993 से 1997 के बीच रोके गए  उसके बाद  प्रतिवर्ष इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। आज हम आपको बताएंगे कि तीनों पुरस्‍कारों में क्‍या अंतर है यह पुरस्‍कार पाने के कौन काबिल है।

हमारे देश में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं। ये पुरस्‍कार भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भारतीय नागरिकों को उनके असाधारण कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं।

.अवार्ड के लिए सिफारिश कौन करता है ?

इन पुरस्कारों की सिफारिश राज्य सरकार/संघ राज्य प्रशासन, केन्द्रीय मंत्रालय या विभागों के साथ-साथ उत्कृष्ट संस्थानों द्वारा की जाती है। साथ ही आप चाहें तो खुद भी इस पुरस्‍कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद एक समिति इन नामों पर विचार करती है। पुरस्कार समिति जब एक बार सिफारिश कर देती है, तो फिर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति इस पर अपना अनुमोदन देते हैं और इसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन सम्मानों की घोषणा की जाती है।

 इन तीनों पद्म पुरस्कार एक दूसरे में क्या अंतर् है ?

 पद्म विभूषण

यह पद्म पुरस्कारों में सर्वोच्च होता है। भारत रत्न के बाद यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में असाधारण और उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जाता है।इसमें 1-3/16 इंच का कांसे का एक बिल्ला मिलता है। जिसके केंद्र में एक कमल का फूल होता है। इस फूल के ऊपर नीचे पद्म विभूषण देवनागरी लिपि में लिखा होता है। वहीं इस बिल्ले के पिछले हिस्से में अशोक चिन्ह बना होता है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।

पद्म भूषण

इन  पुरस्‍कारों में पद्म भूषण दूसरा सबसे बड़ा पुरस्‍कार है। साथ ही यह भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस सम्मान में भी कांसे का बिल्ला दिया जाता है जो 1-3/16 इंच का होता है। साथ ही डिजाइन भी वहीं होता है, बस कमल के फूल के ऊपर नीचे पद्मभूषण लिखा रहता है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय और उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

पद्मश्री

इनमे पद्म श्री पुरस्कार पद्म पुरस्कारों में तीसरा और भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है। इसका डिजाइन भी एक समान होता है। इसमें फूल के ऊपर नीचे पद्मश्री लिखा रहता है। यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

Padma Vibhushan (6) 

 

SN

Name

Field

State / Country

1

Shri Balkrishna Doshi

(Posthumous)

Others – Architecture

Gujarat

2

Shri Zakir Hussain

Art

Maharashtra

3

Shri S M Krishna

Public Affairs

Karnataka

4

Shri Dilip Mahalanabis

(Posthumous)

Medicine

West Bengal

5

Shri Srinivas Varadhan

Science & Engineering

United States of America

6

Shri Mulayam Singh Yadav

(Posthumous)

Public Affairs

Uttar Pradesh

Padma Bhushan (9) 

SN

Name

Field

State / Country

7

Shri S L Bhyrappa

Literature & Education

Karnataka

8

Shri Kumar Mangalam Birla

Trade & Industry

Maharashtra

9

Shri Deepak Dhar

Science & Engineering

Maharashtra

10

Ms. Vani Jairam

Art

Tamil Nadu

11

Swami Chinna Jeeyar

Others – Spiritualism

Telangana

12

Ms. Suman Kalyanpur

Art

Maharashtra

13

Shri Kapil Kapoor

Literature & Education

Delhi

14

Ms. Sudha Murty

Social Work

Karnataka

15

Shri Kamlesh D Patel

Others – Spiritualism

Telangana

 

 

 

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