Daily current affairs : 26 june 2023

Daily current affairs : 26 june 2023

1.भारत में ड्रग के अवैध कारोबार के बारे में बताएं
2.ग्रीन हइड्रोजन क्या है ? इसे इस्तेमाल करने में क्या क्या बाधाएं हैं ?
3.जेनरिक दवाइयां क्या हैं और इनके लाभ क्या हैं ?
4.अन्न भाग्यम स्कीम क्या है ? यह क्यों शुरू की गयी क्या क्या इसके फायदे हैं ?
5.क्रिकेट विश्व कप 2023

1.भारत में ड्रग के अवैध कारोबार

Prelims :General Studies I -Demographics, Social Sector initiatives

Mains : General Studies II – Governance, Constitution, Welfare Initiatives
In News – अभी हाल में भारत में ड्रग के अवैध कारोबार को लेकर चिंता व्यक्त की गयी है।

भारत में अवैध ड्रग कारोबार एक समस्या है जिसका सामरिक, सामाजिक, और स्वास्थ्य से संबंधित प्रभाव महत्वपूर्ण है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:

नशीली दवाओं का अवैध व्यापार: भारत में नशीली दवाओं का अवैध व्यापार और उनकी निर्माण, नष्टिकरण, और वितरण में शामिल होने की गंभीर समस्या है। यह शामिल हो सकता है: नशीली दवाओं की अवैध उत्पादन यूनिटें, दवाओं की अनाधिकृत निर्यात, दवाओं की अवैध आयात, और इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन विक्रय।

नशीली दवाओं के सामरिक प्रभाव: अवैध ड्रग्स के व्यापार से जुड़ी एक बड़ी समस्या है यह कि यह सामरिक प्रभावों को बढ़ा सकता है। उच्च उपयोग और दवा की गलत उपयोग के कारण स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि नींद, उत्तेजना, राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे आदि।

नशीली दवाओं के सामाजिक प्रभाव: अवैध ड्रग्स के उपयोग से सामाजिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। उच्चतम स्तरों पर, यह संगठित अपराधी नेटवर्कों के साथ जुड़ा हुआ है और वारदातों, गैंगवार, और हिंसा को प्रोत्साहित कर सकता है। साथ ही, यह व्यक्तिगत स्तर पर भी नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और परिवार, समुदाय, और समाज को नुकसान पहुंचा सकता है।

इन समस्याओं का सामान्यतः सामरिक प्रभाव, स्वास्थ्य समस्याएं और सामाजिक विघटनाओं का संयोजन होता है। सरकारी और अन्य संगठन नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं, जैसे कि अवैध ड्रग्स की निगरानी, अवैध नशीली दवाओं के विनाश के लिए छापेमारी, सख्त कानूनी कार्रवाई आदि।

2.ग्रीन हइड्रोजन

Prelims :General Studies I – Sustainable Development

Mains : General Studies II – Governance, Constitution, Welfare Initiatives
In News -ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) विकिरण-मुक्त (carbon-neutral) ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न किया जाने वाला हाइड्रोजन है।

ग्रीन हइड्रोजन क्या है ? इसे इस्तेमाल करने में क्या क्या बाधाएं हैं ?


ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) विकिरण-मुक्त (carbon-neutral) ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न किया जाने वाला हाइड्रोजन है। इसका उत्पादन प्राकृतिक गैसों (जैसे कि पानी की इलेक्ट्रोलाइसिस) या विज्ञानशास्त्रीय प्रक्रियाओं (जैसे कि मेथन रिफॉर्मिंग के माध्यम से नटरल गैस का उपयोग करके) के माध्यम से किया जाता है, जहां कोई ग्रीनहाउस गैसेज उत्पन्न नहीं होती हैं।

ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे कि:

ऊर्जा उत्पादन: ग्रीन हाइड्रोजन को ईलेक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से उत्पन्न किया जा सकता है और इसे ऊर्जा का संग्रह करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे विज्ञानशास्त्रीय प्रक्रियाओं (जैसे कि इलेक्ट्रोलाइसिस या फोटोवोल्टेक उर्जा) का उपयोग करके नवीनतम ऊर्जा प्रणालियों को शक्तिशाली बनाने में मदद मिलती हैं।

इंडस्ट्रीयल प्रयोग: ग्रीन हाइड्रोजन को इंडस्ट्रीयल सेक्टर में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि उच्च तापमान प्रक्रियाओं (जैसे कि फ़र्नेस और रिफाइनरी) में उपयोग के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में।

परिवहन: ग्रीन हाइड्रोजन परिवहन के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि बसों, ट्रकों, ट्रेनों, नौयानों, और हवाई जहाजों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रूप में।

ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग में कुछ बाधाएँ भी हो सकती हैं, जैसे कि:

मूल्य: ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन और इसकी प्रयोगशीलता की वजह से वर्तमान में इसका मूल्य अधिक होता है जब इसे अन्य हाइड्रोजन प्राप्त करने के तरीकों के साथ तुलना किया जाता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर: ग्रीन हाइड्रोजन के लिए उपयोग करने के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है, जैसे कि ऊर्जा संग्रहण और परिवहन के लिए संग्रह करने की तंत्र, पंप स्टेशन, वितरण नेटवर्क, और फ्यूल सेल स्टेशन।

संग्रहण और परिवहन: हाइड्रोजन को इंगित करने, संग्रहित करने और परिवहन करने के लिए विशेष तंत्रों की आवश्यकता होती है। ये तंत्र उत्पादन की जगह तक हाइड्रोजन को सुरक्षित और संरक्षित रखने, और उपयोग के स्थान तक पहुंचाने में बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

इन बाधाओं के बावजूद, ग्रीन हाइड्रोजन प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है और आगामी समय में इसका उपयोग बढ़ाने की योजनाएं दुनिया भर में चल रही हैं।

3.जेनेरिक दवाएँ

Prelims :General Studies I – Sustainable Development

Mains : General Studies II – Governance, Constitution, Welfare Initiatives, Social Justice
In News -जेनेरिक दवाएँ ब्रांड नाम दवाओं के साथ मुकाबला करने के लिए उच्च मानकों को पूरा करने की आवश्यकता होती हैं। ये दवाएँ सामग्री, दुष्प्रभाव और प्रभावकारिता में ब्रांड नाम दवाओं के समान होती हैं।


जेनेरिक दवाएँ (Generic Medicines) वे दवाएँ हैं जो एक प्रमाणित औषधीय उत्पादन कंपनी द्वारा नामकरण की जाने वाली ब्रांड नहीं होती हैं। जेनेरिक दवाएँ उसी वाणिज्यिक नाम के तहत बिकती हैं जिसमें उनकी सामग्री का वैज्ञानिक नाम दिया गया होता है। यदि दवाई का नाम उदाहरण के लिए “परासिटामोल” है, तो इसकी जेनेरिक नाम उसी रूप में होगी, जो “परासिटामोल” होता है।
जेनेरिक दवाओं के लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं:
सस्ताप्राप्ति: जेनेरिक दवाएँ ब्रांड नाम के दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं। ये उच्च गुणवत्ता वाली विक्रेताओं द्वारा उत्पन्न की जाती हैं और ये आराम से उपलब्ध होती हैं।
गुणवत्ता: जेनेरिक दवाएँ ब्रांड नाम दवाओं के साथ मुकाबला करने के लिए उच्च मानकों को पूरा करने की आवश्यकता होती हैं। ये दवाएँ सामग्री, दुष्प्रभाव और प्रभावकारिता में ब्रांड नाम दवाओं के समान होती हैं।
उपलब्धता: जेनेरिक दवाएँ विशाल मात्रा में उत्पन्न की जाती हैं और उच्च मानकों को पूरा करती हैं, इसलिए उन्हें आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है।
उपयोगी विकल्प: जेनेरिक दवाएँ रोगी और चिकित्सा व्यवस्थाओं के लिए उपयोगी विकल्प प्रदान करती हैं। इसे अनुशंसित करने से चिकित्सा व्यय कम हो सकता है और व्यक्ति दवाओं की उच्चतम गुणवत्ता वाली विकल्प का उपयोग कर सकता है।
यहाँ यह बात ध्यान देनी चाहिए कि जेनेरिक दवाएँ समान गुणवत्ता, प्रभाव, सुरक्षा और प्रभावकारिता के साथ ब्रांड नाम दवाओं की तुलना में होती हैं, लेकिन कृपया अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से परामर्श करें पहले इस्तेमाल करने से पहले इसलिए जेनेरिक दवाएँ ब्रांड नाम दवाओं की तुलना में कम कीमत में उपलब्ध हो सकती हैं।


4.अन्न भाग्यम स्कीम


Prelims :General Studies I – Sustainable Development

Mains : General Studies II – Governance, Constitution, Welfare Initiatives, Social Justice
In News – अभी हाल में कर्नाटक सरकार के पास अन्न भाग्यम स्कीम को चलाने में आर्थिक समस्या आरही है


अन्न भाग्यम स्कीम (Annapurna Bhagya Yojana) कर्नाटक राज्य में लागू होने वाली एक सरकारी योजना है जो गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को सस्ते अनाज (अन्न) प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। यह योजना 2 अक्टूबर 2017 को शुरू की गई थी।
अन्न भाग्यम स्कीम के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
सस्ता अनाज: योजना के तहत, गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों को सस्ता अनाज प्रदान किया जाता है। इसके माध्यम से, विभिन्न प्रकार के अनाज जैसे चावल, गेहूँ, दाल, रवा आदि की आपूर्ति की जाती है।
पोषण: अन्न भाग्यम स्कीम गरीब परिवारों के लिए पोषणाहार योजना के रूप में भी कार्य करती है। यह विभिन्न पोषक तत्वों और ऊर्जा के साथ आहार सुनिश्चित करती है और गरीब परिवारों के सदस्यों को स्वस्थ और पूर्ण भोजन प्रदान करती है।
सरकारी सहायता: योजना उच्च दर्जे के गरीब परिवारों को सरकारी सहायता प्रदान करती है और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में मदद करती है।
अन्न भाग्यम स्कीम के फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं:
खाद्य सुरक्षा: यह योजना गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे उन्हें सस्ता और पूर्ण भोजन मिलता है।
आर्थिक सहायता: योजना गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती है।
पोषण और स्वास्थ्य सुरक्षा: योजना के माध्यम से परिवारों को पोषणपूर्ण आहार मिलता है, जो स्वास्थ्य और ताकत को बढ़ावा देता है।
सामाजिक न्याय: योजना गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों के लिए सामाजिक न्याय का माध्यम होती है, क्योंकि वे सस्ते भोजन का लाभ उठा सकते हैं।
यह योजना कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा संचालित की गई है और इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को आर्थिक और पोषण सहायता प्रदान की जाती है।


क्या अन्न भाग्यम स्कीम भुखमरी कम करेगी ?


हां, अन्न भाग्यम स्कीम भुखमरी को कम करने में मदद कर सकती है। यह योजना गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को सस्ते अनाज (अन्न) प्रदान करती है और उन्हें पोषणपूर्ण आहार सुनिश्चित करने में मदद करती है। इससे गरीब परिवारों के सदस्यों को सस्ता और पूर्ण भोजन मिलता है, जो उनकी भुखमरी को कम कर सकता है।

अन्न भाग्यम स्कीम के तहत, विभिन्न प्रकार के अनाज जैसे चावल, गेहूं, दाल, रवा आदि की आपूर्ति की जाती है। इससे गरीब परिवारों के पास अपनी आहारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उचित और पूर्णतः पोषणपूर्ण अन्न मिलता है। यह भुखमरी को कम करने और समृद्धि को बढ़ाने का माध्यम हो सकता है।
इसके अलावा, अन्न भाग्यम स्कीम गरीब परिवारों के लिए पोषणाहार योजना के रूप में भी कार्य करती है। इसके माध्यम से गरीब परिवारों को पोषणपूर्ण आहार मिलता है और उनके सदस्यों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है। इससे उनकी सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा स्तर में सुधार हो सकता है, जो अवसरों की बढ़ोतरी करके उन्हें भुखमरी से निकाल सकती है।
इस प्रकार, अन्न भाग्यम स्कीम भुखमरी कम करने में मदद कर सकती है और गरीब परिवारों को सस्ता और पूर्ण भोजन प्रदान करके उनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।


5.क्रिकेट विश्व कप 2023

Prelims :General Studies I – Economic and Social Development

Mains : General Studies III – Technology, Economic Development, Agriculture.


In News -इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने हमें बता दिया है कि अगला बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट कब और कहां होगा
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने हमें बता दिया है कि अगला बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट कब और कहां होगा. इसे पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 कहा जाता है। पहला मैच 5 अक्टूबर को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच भारत के अहमदाबाद में होगा। फाइनल मैच, जहां सर्वश्रेष्ठ टीमें ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी, वह भी 19 नवंबर को अहमदाबाद में होगा। टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाला देश भारत 8 अक्टूबर को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना शुरू करेगा। 15 अक्टूबर को अहमदाबाद में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं. आखिरी बार ये दोनों टीमें 2019 विश्व कप में एक-दूसरे के खिलाफ खेली थीं और भारत ने वह मैच जीता था।
विश्व कप नामक एक बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट होगा जिसमें 10 टीमें खेलेंगी। भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड जैसी कुछ टीमें पहले ही क्वालीफाई कर चुकी हैं, लेकिन दो और टीमें जिम्बाब्वे में एक विशेष टूर्नामेंट से चुनी जाएंगी। खेल 46 दिनों तक 10 अलग-अलग शहरों में होंगे। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले दो अन्य शहरों गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम में कुछ अभ्यास खेल होंगे।
46 दिनों तक चलने वाले एक बड़े टूर्नामेंट में 10 टीमें खेल रही हैं. प्रत्येक टीम अन्य सभी टीमों के खिलाफ एक बार खेलेगी। सभी मैच खेले जाने के बाद, सबसे अधिक अंक वाली 4 टीमों को सेमीफाइनल में खेलने का मौका मिलेगा। सेमीफाइनल महत्वपूर्ण मैच हैं जो मुंबई और कोलकाता में होंगे। यदि मौसम ख़राब हो तो एक बैकअप दिन होगा। टूर्नामेंट का अंतिम मैच अहमदाबाद में होगा और उसके लिए एक बैकअप दिन भी होगा।

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