मानचित्र अध्ययन

मानचित्र अध्ययन

 # मानचित्र सिविल सेवा लिए क्यों आवश्यक है ?

# मानचित्र का अध्ययन कैसे करें ?

1. भारत का परिचय

2 भारत की  सीमा और तट रेखा

3 भारत का भौतिक भूगोल -1

4. भारत का भौतिक भूगोल -2

5. भारत की सिंधु नदी प्रणाली

6. भारत की ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली

7. भारत की गंगा नदी प्रणाली

8. मध्य भारत का नदी तंत्र भाग

9. दक्षिण भारत की नदी प्रणाली

10. भारत में झीलें

11.भारत में पर्वतीय दर्रे

12. भारत की पर्वत चोटियाँ

13. भारत का बायोस्फीयर रिजर्व

14. भारत में राष्ट्रीय उद्यान

15. भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग

16. भारत में बंदरगाह

17. भारत में जलमार्ग

18. भारत में रेलवे

19. भारत की तटीय वनस्पति

20. भारत में प्रमुख फसलें

21. भारत की जनगणना

22. खनिज उद्योग और भारत का ऊर्जा स्रोत

23. भारत का जलवायु क्षेत्र

24. भारत में भूकंपीय क्षेत्र

25. विश्व मानचित्र का परिचय

 26. एशिया महाद्वीप विश्व मानचित्रण लेक

27. उत्तरी अमेरिका महाद्वीप

28. दक्षिण अमेरिका महाद्वीप

29 .अफ्रीका महाद्वीप विश्व मानचित्रण लेक

30.यूरोपियन मैप वर्ल्ड मैपिंग लेक

31.ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप विश्व मानचित्रण

32. विश्व मानचित्रण लेक / रेगिस्तान

33. वर्ल्ड मैपिंग में माउंटेन रेंज

34. जनजातियां

35.महासागरीय धाराएं

 मानचित्र सिविल सेवा लिए क्यों

आवश्यक है ?

मानचित्र सिविल सेवा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मानचित्र के बिना भूगोल को समझना संभव नहीं है। मानचित्र ही भूगोल है और भूगोल सिविल सेवा परीक्षा के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में शामिल है। भूगोल से लगभग 15 – 17 प्रश्न आते हैं। जिनमे से 8 -10 प्रश्न मानचित्र से आते हैं। मानचित्र में भी प्रश्न भारत के भूगोल से अधिक आते हैं विश्व के भूगोल से कम। 

मानचित्र भूगोल के अलावा भी कई विषयों में काम आता है जैसे-:

1. भारतीय विदेश नीत्ति पढ़ते समय हमें मानचित्र की आवश्यकता होती है। 

2. उद्दोग पढ़ते समय अवस्थिति ले लिए मानचित्र की अवशयकता होती है। 

3 . वनस्पति अध्ययन के लिए मानचित्र की आवश्यकता होती है। 4. कृषि और व्यापार के लिए जलवायु एवं भौगोलिक स्थिति जानने की आवश्यकता होती है। 

5 इतिहास अध्ययन और समझने में भी मानचित्र सहायक होता है। 

 मानचित्र का अध्ययन कैसे करें ?

हम किसी भी विषय का अध्ययन करते हैं तो सबसे पहले हमे यह जानना होता है वो विषय हम किस लिए पढ़ रहे हैं। यही बात मानचित्र अध्ययन के साथ भी है यहाँ पर हम मानचित्र सिविल सेवा के लिए पढ़ रहे हैं तो मानचित्र अध्ययन करते समय निम्न बाते याद रखनी चाहिए। 
1. सबसे पहले  हम मानचित्र से आये हुए प्रश्नों को देखें जो परीक्षा में आये हैं उनसे ही हमें पता चलेगा की किन किन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना है और आने वाले समय में किस प्रकार के प्रश्न आएंगे। 
2 . इसके हमें कुछ पाठय सामग्री की आवश्यकता होगी जैसे – एटलस आप ऑक्सफ़ोर्ड की ले सकते हैं और खाली भारत एवं विश्व के मानचित्र आप चाहें तो महाद्वीपों के मानचित्र भी अलग अलग ले सकते हैं। 
3 . आप मानचित्र का अध्ययन की शुरुआत महाद्वीपों और और महासागरों से करें जैसे पहले महाद्वीप जाने उनकी ग्लोब में  स्थिति को जाने फिर महासागरों की स्थिति को जाने। 
4 मानचित्र मुख्यरूप से दो प्रकार के होते हैं भौतिक और राजनैतिक भौतिक में उन सब चीज़ों की बात होती जो प्रकृति ने बनाई हैं जैसे पर्वत पठार मैदान वन आदि और राजनैतिक मानचित्र में देश एवं राज्य सीमाओं की बात होती है जो किसी सरकार के अंतर्गत आती हैं। 
5 मानचित्र में वो बाते जरूर जानना चाहिए जो सामान्य हों जैसे गुरुशिखर की स्थिति डल झील बोधगया यानि वो बाते जो जन सामान्य को साधारण रूप से पता होती हैं। 
6 भारत एवं विश्व में घटने वाली दैनिक घटनाएं भी आपको ध्यान से मानचित्र में उनकी स्थिति देखनी चाहिए। 
7.भौगोलिक घटनाओं के साथ साथ मानचित्र में राजनैतिक आर्थिक घटनाओं को भी मानचित्र में देखना चाहिए। 
8.मानचित्र का प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए। 
9.2011 से अबतक मानचित्र से संबंधित सभी प्रश्नों का अध्ययन  करना चाहिए। 
आपको धीरे धीरे अपनी खुद की एटलस तैयार करनी चाहिए। 
10.आप जो भी पढ़ें मानचित्र में उसे देखें या उसकी कल्पना अवश्य करें। 
 

भारत का सामान्य परिचय

1.भारत एशिया महाद्वीप का एक बड़ा देश है।विश्व में क्षेत्रफल की दृष्टि में भारत का सातवां स्थान है –

1  रूस  2. कनाडा  3. चीन 4.सयुंक्त  राज्य अमेरिका 

5 . ब्राज़ील  6 . ऑस्ट्रेलिया  7. भारत 

2.भारत एशिया के दक्षिण में है।

3.भारत भूमध्यरेखा से उत्तर एवं प्रधान मध्यान  रेखा से पूरव में है।

4.कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है यह भारत के 8 राज्यों से गुजरती है।यह राज्य हैं-

1 .गुजरात    2. राजस्थान   3 . मध्यप्रदेश  4 . छत्तीसगढ़ 

5. झारखंड  6. पक्षिम बंगाल  7. त्रिपुरा   8 .  मिजोरम 

5.भारत का कुल क्षेत्रफल 32, 87, 263 वर्ग किमी है।

6.भारत के विश्व की कुल भूमि का लगभग 2 प्रतिशत है जबकि जनसंख्या 17% से अधिक है।

7.भारत जनसख्या की दृस्टि में विश्व में प्रथम स्थान पर है दूसरे न पर चीन है , और क्षत्रफल की दृस्टि में सातवां बड़ा देश है।

8.भारत का सबसे पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश सबसे पक्षिमी राज्य गुजरात , सवसे उत्तरी राज्य कश्मीर और सबसे दक्षिणी राज्य तमिलनाडु है।

9.भारत स्थलबद्ध तटीय और द्वपीय देश  है।

10.भारत की पूर्व से पक्षिम 2, 933 किमी है और उत्तर से दक्षिण 3,214 किमी है।

11.भारत को उपमहाद्वीप भी कहा जाता है क्यूंकि भारत का विस्तार अधिक है साथ ही भारत में महाद्वीप की तरह कई प्रकार की जलवायु पाई जाती है।

 

भारत की  सीमा और तट रेखा

भारत  की ग्लोब में स्थिति  दक्षिण एवं पूर्वी गोलार्ध में है अर्थात हमारा देश भूमध्य रेखा के उत्तर में हैं और प्रधान मध्यान रेखा के पूर्व में हैं।

 

 भारत का बहुत बड़ा भाग प्रायद्वीपीय भाग है। भारत के पास स्थलीय सीमा एवं तटीय सीमा दोनों हैं। भारत स्थलीय भाग एवं तटीय भाग के अलावा तटीय भाग भी है।  अंडमान निकोबार दीप समूह एवं लक्षदीप जैसे भारतीय समूह का भाग हैं।

 भारत की स्थलीय सीमा      

भारत की स्थलीय सीमा 7 देशों को स्पर्श करती है।  इनमें पकिस्तान , अफगानिस्तान,  नेपाल,  भूटान,  चीन,  म्यांमार,  बांग्लादेश है भारत की सबसे कम सीमा अफगानिस्तान के स्पर्श करती है और सबसे अधिक सीमा बांग्लादेश को स्पर्श करती है। भारत के साथ पाकिस्तान , बांग्लादेश एवं चीन के सीमा विवाद है।

 भारत के सीमावर्ती देश

यदि हम सीमावर्ती  देशों की बात करें तो 7 सीमावर्ती देश हैं एवं दो अन्य देश श्रीलंका एवं मालद्वीव  पड़ोसी देश हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत के 9 पड़ोसी देश हैं – जिनमें पाकिस्तान , अफगानिस्तान, नेपाल,  भूटान, चीन,  म्यांमार,  बांग्लादेश,  श्रीलंका और  मालदीव शामिल है।

 पड़ोसी देश की संकल्पना कोई राजनीतिक या  प्रशासनिक  संकल्पना नहीं यह केवल एक परम्परागत और  सांस्कृतिक संकल्पना मात्र है। 

 सीमावर्ती देश एवं भारतीय राज्य

भारत के 17 राज्य ऐसे हैं जो किसी न किसी प्रकार से अंतरराष्ट्रीय सीमाएं स्पर्श करते हैं जिनमें गुजरात ,राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम ,अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, एवं पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

 भारत के ऐसे कितने राज्य है जिनकी सीमा ना तटीय  ना ही अंतरराष्ट्रीय हैं।

 भारत में ऐसे 5 राज्य है जिनकी सीमा ना तो अंतरराष्ट्रीय सीमा है और ना ही तटीय सीमा है, जिनमें हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगना शामिल हैं।

सीमावर्ती देश एवं भारतीय राज्य

 पाकिस्तान को स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य

 पाकिस्तान से भारतीय राज्यों की स्पर्श करने वालों की संख्या 4 है- गुजरात, राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर

नेपाल से स्पर्श करने वाले राज्य

 नेपाल से स्पर्श करने वाले राज्यों की संख्या 5 है-  उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश, बिहार पश्चिम, बंगाल ,सिक्किम

भूटान से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य

 भूटान से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्यों की संख्या 4 है – जिनमें सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचलप्रदेश,असम शामिल है।

चीन से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य

 चीन से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य चीन से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्यों की संख्या 5 है- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,  अरुणाचल प्रदेश सिक्किम

म्यांमार से स्पर्श करने वाले राज्य

 म्यांमार से स्पर्श करने वाले राज्यों की संख्या 4 है- अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड,  मणिपुर,  मिजोरम

 बांग्लादेश से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य

 बांग्लादेश से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्यों की संख्या 5 है- पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम

 अफगानिस्तान से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य

अफगानिस्तान से स्पर्श करने वाले भारतीय राज्यों की संख्या केवल एक है – जम्मू कश्मीर

Read Also

Indo –pak border Dispute

Sir creek dispute

Teesta river dispute

Indo –china dispute

Shimla agreement

POK

LOC

LAC

Siachin

Aksaichin

 

भारत के तटीय भाग

 

 भारत की लंबी तटीय सीमा है।  भारत के दक्षिणी भाग को आपको प्रायद्वीपीय भारत कहा जाता है। भारत की तटीय सीमा की लंबाई 7,516 किलोमीटर है।   

 इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी ,पश्चिम में अरब सागरऔर दक्षिण में  हिंद महासागर है। भारत के कुल तटीय राज्य 9 हैं  एवं 4 केंद्र शासित प्रदेश हैं।

भारत के 9 तटीय राज्य हैं।

 1.गुजरात

2.महाराष्ट्र

3.कर्नाटक

4.गोवा

5.केरल

6.तमिलनाडु

7.आंध्रप्रदेश

8.उड़ीसा

9.पश्चिम बंगाल

Note – भारत में सबसे लंबी स्थलीय सीमा गुजरात की है एवं सबसे छोटी तटीय सीमा गोवा की है।

भारत के केंद्र शासित तटीय प्रदेश राज्य

1.दमन और दीव

2.पांडिचेरी

3.लक्ष्यदीप

4.अंडमान निकोबार दीप समूह

Note – केंद्र शासित राज्य में सबसे लंबी तट तटीय सीमा अंडमान निकोबार दीप समूह दमन और सबसे छोटी सीमा दमन और द्वीव की है।

 

भारतीय तटीय भाग की विशेषताएं

1. भारत के तटीय भाग को दो भागों में विभाजित किया गया है-1. पश्चिमी तटीय भाग 2.पूर्वी तटीय भाग

 2.पश्चिमी तटीय भाग अरब सागर से जुड़ा हुआ है जबकि पूर्वी तटीय भाग बंगाल की खाड़ी से जुड़ा हुआ है और दक्षिणी भाग इसका हिंद महासागर को स्पर्श करता है।

3.पश्चिम तटीय भाग अधिक अधिक लंबा एवं अधिक ऊँचा  है जबकि पूर्वी भाग  अधिक चौड़ा एवं छोटा है।  प्रायद्वीप भारत की अधिकांश नदियां पश्चिमी घाट से निकलती एवं पूर्वी घाट की तरफ डेल्टा बनाती है।

4.भारत में तटीय भागों में के कई सारे लाभ हैं जैसे मत्स्य उत्पादनसमुद्री व्यापारपर्यटन, ज्वारीय ऊर्जा और जैव विविधिता आदि।

5.पक्षिमी भाग को कोकण और मालाबार में विभाजित किया गया है। पूर्वी तटीय भाग को कोरोमण्डल तट कहा जाता है।

6.तटीय भागों में मैंग्रोव प्रमुख वनस्पति है।

Read Also

मैंग्रोव

ज्वारीय ऊर्जा

लक्षद्वीप

अंडमान निकोबार द्वीप समूह

मन्नार की खाड़ी

पाक जलसंधि

राम सेतु

लैगून क्या है ?

ओलिब रिडले

10 अंश चैनल

22310cookie-checkमानचित्र अध्ययन

Leave a Comment